पीके के पोस्टर आप फाड़ते रहे,पब्लिक तो झूम रही है

पीके फिल्म का विरोध, आखिर क्यों?
पीके फिल्म का विरोध, आखिर क्यों?

नदीम एस.अख्तर

हे भगवान-अल्लाह, है कहां रे तू….

@FB – पीके फिल्म पर आप बहस करते रहें. पोस्टर-बैनर फाड़ते रहें. आमिर खान को गरियाते रहें. हीरानी-जोशी की जोड़ी की अनदेखी कर -माई नेम इज खान- की तर्ज पर आमिर खान पर तंज और गुस्सा जाहिर करते रहें. किस धर्म को ज्यादा दिखाया, किसे कम दिखाया पर मुबाहिसा करते रहें. किस पर ज्यादा चोट की और किसे -बख्श- दिया गया, इस पर दिमाग दौड़ाते रहें, चाहें तो महा-मंथन करते रहें. अपनी-अपनी राजनीतिक गोटियां सेकते रहें.

हिन्दू और मुसलमान होने का फर्क बताते रहें. कुछ चाहें तो खुद को ज्यादा प्रखर हिंदू और धर्म का रक्षक घोषित करते रहें. कुछ चाहें तो खुद को उदार और -सेक्युलर- बताने की बात करते रहें (फेसबुक पर) लेकिन असल जीवन में जातिवाद को अपना पुनीत धर्म बनाते-बताते रहें. नेता चाहें तो अपने प्रदेश में फिल्म को टैक्स फ्री करके राजनीति का एक और गंदा पासा फेंकते रहें. लेकिन इस सारे हो-होल्ले, कोलाहल, हंगामे के बीच……..

इस देश की पब्लिक झूम रही है. फिल्म को सिर माथे लगा रही है, उसे अपनी आंख का तारा बनाकर थिएटर में दूसरे गोले से आए एलियन के साथ आंसू बहा रही है. इस गोले पर भगवान की उसकी खोज पर उसके साथ होना चाहती है, पर्दे पर उसे रोता देख साथ-साथ रो रही है, अपने चश्मे उतारकर रूमाल निकाल रही है, आंसू पोंछ रही है. एलियन की गुदगुदी बातों पर हंस रही है. खुद पर भी और अपने -अज्ञान- पर भी.

वैसे पूरी फिल्म में मुझे एक गाना बहुत भाया, जिसे आप फिल्म की CENTRAL STORY LINE कह सकते हैं. यह गाना जितना मार्मिक है, उतने ही शानदार ढंग से सोनू निगम ने इसे गाया भी है. मुझे लगता है कि फिल्म अग्निपथ के गाने–अभी मुझमें है कहीं, बाकी थोड़ी सी जिंदगी— के बाद सोनू ने एक बार फिर इस गाने में कमाल किया है और हो सकता है कि एक बार फिर उन्हें इस गाने के लिए बेस्ट प्लेबैक सिंगर, male, का खिताब मिल जाए.

मैंने फिल्म में पहली बार ये गाना सुना और फिर इस पर फिदा हो गया. आपकी नजर.


Hai suna ye poori dharti tu chalata hai
Meri bhi sun le araj mujhe ghar bulata hai
Bhagwan hai kahan re tu
Hey Khuda hai kahan re tu
Hai suna tu bhatke mann ko raah dikhata hai
Main bhi khoya hun mujhe ghar bulata hai
Bhagwan hai kahan re tu
Hey Khuda hai kahan re tu
Main pooja karun ya namajein padhun
Ardaasein karun din rain
Na tu Mandir mile, na tu Girje mile
Tujhe dhoondein thake mere nain
Jo bhi rasmein hain wo saari main nibhata hoon
In karodon ki tarah main sar jhukata hoon
Bhagwan hai kahan re tu
Aye Khuda hai kahan re tu
Tere naam kayi, tere chehre kayi
Tujhe paane ki raahein kayi
Har raah chalaa par tu na mila
Tu kya chaahe main samjha nahin
Soche bin samjhe jatan karta hi jaata hun
Teri zid sar aankhon par rakh ke nibhata hun
Bhagwan hai kahan re tu
Aye Khuda hai kahan re tu
Hai suna ye poori dharti tu chalata hai
Meri bhi sun le araj mujhe ghar bulata hai
Bhagwan hai kahan re tu
Hey Khuda hai kahan re tu
Bhagwan hai kahan re tu
Hey Khuda hai kahan re tu..

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