कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को एनडीटीवी ने किया ख़ारिज

कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को एनडीटीवी ने किया ख़ारिज
कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को एनडीटीवी ने किया ख़ारिज

पत्रकारिता का राजनीतिकरण होने के बाद किसकी रिपोर्ट पर भरोसा किया जाए,इसका फैसला करना बड़ा मुश्किल हो गया है. एक ही खबर पर अलग-अलग संस्थानों की अलग-अलग रिपोर्ट. उत्तरप्रदेश के कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को लेकर कुछ इसी तरह की रिपोर्टिंग हो रही है. कुछ मीडिया संस्थान इसे सही मानकर मुद्दा बना रहे हैं तो कुछ ग्राउंड जीरो की रिपोर्टिंग करके इसे ख़ारिज कर रहे हैं. ऐसी ही एक ग्राउंड जीरो की रिपोर्टिंग करके एनडीटीवी इंडिया ने कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को झूठ करार दिया है. बहरहाल पढ़िए एनडीटीवी की रिपोर्ट –

NDTV इंडिया की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट : यूपी के कैराना का वायरल झूठ

कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को एनडीटीवी ने किया ख़ारिज
कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन को एनडीटीवी ने किया ख़ारिज

कैराना: उत्तर प्रदेश के कैराना में हिंदू परिवारों के पलायन का मुद्दा राजनितिक रंग पकड़ता जा रहा है। कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने पलायन करने वाले 346 हिंदू लोगों की लिस्ट जारी की है। एनडीटीवी की टीम ने जब कैराना का दौरा किया तो एक अलग तस्वीर सामने आई और इस लिस्ट की जांच में 11 ऐसे नाम मिले जो 10 से 15 साल पहले ही आर्थिक और क़ारोबारी वजह से पलायन कर चुके थे। इनके पलायन का संबंध किसी आतंकी माहौल से नहीं था जिसका दावा हुकुम सिंह ने अपनी लिस्ट में किया है।

लिस्ट में 165 और 166वें नंबर पर जय कुमार धीमान और पोनी का नाम है। उनके भाई मनु धीमान कैराना के बिसातयान मौहल्ले में कई दशकों से रहते हैं। वह हैरान है कि लिस्ट में उनके दो भाइयों के नाम हैं, उनका कहना है कि उनके दोनों भाई रोज़गार के लिए कई साल पहले ही इलाका छोड़कर चले गए थे।

आर्थिक वजहों से पलायन किया
इसी लिस्ट में सीताराम लुहार के परिवार का ज़िक्र है। उनके तीन बेटे नरेंद्र, सुरेंद्र और गोटी का 153 से 155 नंबर पर नाम है। कभी कैराना के बिसातयान मौहल्ले में यह परिवार रहता था लेकिन 10 साल पहले ही अपना घर-बार बेचकर जा चुका है। जब एनडीटीवी की टीम इस पते पर पहुंची तब सामने आया कि इस मक़ान में कांग्रेस के स्थानीय नेता मोहम्मद आलम चौधरी रहते हैं। आलम चौधरी ने एनडीटीवी को बताया कि सीताराम लुहार ने 10 साल पहले उन्हें यह घर बेचा था और आर्थिक वजहों से परिवार पानीपत चला गया था।

हुकुम सिंह द्वारा जारी की गई लिस्ट में मांगे राम के तीन बेटे सुनील प्रजापत, सतीश प्रजापत और सोनू प्रजापत का नाम 159 से 161 नंबर तक है। जब एनडीटीवी इस पते पर पहुंची तो उनके भतीजे शिवकुमार प्रजापत मिले जिन्होंने बताया कि मांगे राम अपने परिवार के साथ क़रीब 15 साल पहले ही कैराना छोड़कर रोज़गार की तलाश में चले गए थे।

इस मामले पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अपने देश में कुछ लोगों को अपना गांव छोड़कर जाना पड़ रहा है और इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वहीं बीजेपी नेता मेनका गांधी ने कहा कि एक दिन आएगा जब सभी लोग उत्तरप्रदेश छोड़ना चाहेंगे।

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