कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी के दिन प्रेम मंदिर से लाइव कवरेज या लाइव विज्ञापन?

संजीव सिन्हा

विज्ञापन या लाइव कवरेज ?
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दुनिया को नैतिकता के कठघरे में खड़ा करने वाले मीडिया का यह रूप आखिर किस नैतिकता की कैटेगरी में आएगा?

कल कृष्‍णजन्‍माष्‍टमी की रात में मैंने सोचा कि टीवी न्‍यूज चैनलों पर देश के विभिन्‍न भागों में, यथा- मथुरा, वृंदावन, द्वारका, मुंबई, दिल्‍ली……में यह पर्व किस तरह से मनाया जाता है, देखा जाए।

रात के 11.45 पर जैसे ही टीवी ऑन किया, तो झटका लगा। सभी चैनलों पर एक ही मंदिर से लाइव कवरेज, वृंदावन स्थित ‘प्रेममंदिर’ से लाइव कवरेज। सब चैनलों के पत्रकार प्रेममंदिर में मनाए जा रहे पर्व के बारे में बता रहे थे। कुछ समझ नहीं आया।

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एक के बाद एक न्‍यूज चैनल बदलता गया। आजतक, इंडियाटीवी, एनडीटीवी, न्‍यूज24, जीन्‍यूज, आइबीएन7…सभी जगह प्रेममंदिर से लाइव कवरेज।

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माजरा तब समझ में आया जब ‘आजतक’ पर चल रहे प्रेममंदिर लाइव कवरेज पर ADVT लिखा देखा। जाहिर है वृंदावन स्थित इस प्रेममंदिर के कर्ताधर्ता ‘जगद्गुरु कृपालु जी महाराज’ की ओर से न्‍यूज चैनलों को इस लाइव कवरेज के लिए पैसे दिए गए होंगे।

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सब जानते हैं कि रात के 12 बजे कृष्‍णजन्‍माष्‍टमी का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में ठीक इसी समय पर एक खास मंदिर से लाइव कवरेज। यानी करोड़ों दर्शकों के साथ धोखा किया गया।

बहुत ठगा सा महसूस किया। आखिर 400 रुपए मासिक देकर टीवी चैनलों को देख पाता हूं। यदि यह विज्ञापन जैसा मामला था तो प्रश्‍न खड़ा होता है कि फिर सभी चैनलों के पत्रकार क्‍यों लाइव कवरेज कर रहे थे और प्रेममंदिर के गुणगान में जुटे थे तथा क्‍यों नहीं अन्‍य चैनलों पर उस समय इसे ADVT बताया गया।

(संजीव सिन्हा के एफबी एकाउंट से साभार)

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