काले धन का खुमार धीरे – धीरे उतरता जाएगा

डॉ अशोक भारद्वाज
डॉ अशोक भारद्वाज

गाँधी जी ने कहा था ‘धन अपने आप में बुरा नहीं होता मगर उसके मद में उसका गलत इस्तेमाल ही पाप है’ जनता अब देखेगी नेताओं ,बाहुबलियों ,धनाढ्य वर्ग के जवान बेटे बेटियाँ धन के नशे में चूर अपनी कारें इंसानों पर चढ़ा कर भाग जाते हैं या पकड़े जाने पर क़ानूनी सहायता से उनकी बेल करा दी जाती है या बच निकलते हैं उसमें कमी देखने को मिलेगी . जब घर में 500 और 1000 रुपयों के भंडार के कागज होने का मर्सिया सुनेंगे दिमाग साफ़ हो जायेंगे .

बड़े बड़े वकीलों के द्वारा खींचे जाने वाले लम्बे मुकदमों का फैसले भी जल्दी हो जायेगा क्योंकि मुकदमों पर लगने वाला धन बल क्षीण होने लगा है कोर्ट में 25 साल से भी अधिक समय तक मुकदमें चलते देखा है .जब काला धन ही मिटटी हो रहा है बेनामी प्रोपर्टी की खरीद और फरोख्त में कमी साफ़ दिखेगी प्रोपर्टी के दाम अभी से गिर रहे हैं . हर व्यक्ति का सपना होता है अपना घर ,गरीब और मध्यम वर्ग की पहुंच से ऊपर हो रहे थे . जब भी किसी प्लाट की नीलामी होती है बोली इतनी ऊपर जाती है आम इंसान वहाँ निलामी में खड़े होने की सोच ही नहीं सकता . नोट बंदी के बाद मोदी जी ने एलान कर दिया है अगला वार बेनामी प्रोपर्टी पर होगा जमीन में लगाया गया धन बढ़ता ही है अपने किसी भी परिवार के व्यक्ति के नाम पर जमीन खरीद कर कागज अपने नाम पर रख लेते हैं या उनसे अपने नाम की पावर आफ एटर्नी लिखवा लेते हैं जैसे ही बेनामी प्रापर्टी पर गाज गिरेगी या तो उन मकान जमीन जिसके नाम पर खरीदी है वही कब्जा कर लेंगे या ओने पौने दाम पर बिकेंगी प्रोपर्टी के दाम कम होने पर आम आदमी की पहुंच में हो जायेगी .लड़की के लिए दहेज के बल पर इच्छित वर खरीदना, शादी ब्याहों में शान शौकत का प्रदर्शन करना ऐसी शादियाँ जिनकी काफी समय तक चर्चायें चलें. अपने लोगों के सामने धन का ऐसा भोंडा प्रदर्शन किया जाता है कि आने वाले मेहमान भी डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं .

आतंकवाद पूरी तरह कालेधन या नकली नोटों से चलता है कश्मीर में पैसे से ही सैनिकों पर पत्थर मारने के लिए पत्थर बाज मिलते थे अब पुराने नोटों से कौन पेमेंट लेगा कश्मीर में बैंकों और एटीएम के आगे कतारे नहीं है . हाँ बैंक लूटने की कोशिश अवश्य की गयी अब पत्थर बाजों को नया हुनर तलाशना पड़ेगा .अब तो नकदी की कमी से नक्सलवाद पर भी गृहण लग रहा है .नोटों के बंडल बेकार होने पर उन्हें बदलने के लिए परेशान हैं .डकैती में कई घरों में जम कर नगदी और सोना चांदी मिलता था उस धन को चोरी की रिपोर्ट में भी छिपाते थे अब जेब कतरा भी जेब में या पर्स में हाथ डालेगा या तो पुराने नोट या चंद नये नोट मिलेंगे .

माता पिता के धन के बल पर नशे में चूर झूमते लड़के लड़कियाँ कभी चौराहों पर ,बाजारों में या पुलिस चौकियों में हंगामा करते दिखाई देते थे .उन्हें कानून का भय भी नहीं होता जानते हैं कुछ देर में पेरेंट्स आयेगें केस भी दर्ज नहीं होने देंगे या जमानत करवा लेंगे .जब धन बल नहीं रहेगा सन्तान किस बल पर अकड़ दिखायेंगे .रोड रेज यानी सडक पर अकड़ कर चलना तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना किसी को भी टक्कर मार कर भाग जाना धन के नशे में चूर होकर किसी के जीवन को जीवन ही न समझना गाड़ी के पहियों के तले कुचल देना सब काले धन की शह से ही सम्भव है मेहनत से सीधा कमाये पैसे में नशा नहीं होता उसकी कीमत का अहसास होता है . नशे में झूमते धन कुबेरों के बच्चे लेट नाईट पार्टियाँ और रेव पार्टियों में भी कमी देखने को मिलेगी. बार में शराब पार्टियां देने वाले ज़िंदा दिलों की ज़िंदा दिली में कमी नजर आएगी . बारों में नाचती बार गर्ल पर पैसा लुटाते जाना क्या सफेद मनी से सम्भव हो सकेगा ? हवाला कारोबार से आये पैसे का पेमेंट काले धन से ही होता है .रिश्वत का लेनदेन भी काले पैसे से होता है रिश्वत देने वाला बड़े कामों के लिए अपने काले पैसे का इस्तेमाल करता है लेने वाले के पास भी काला धन बढ़ता है .रिश्वत क्या चैक से नहीं दी जा सकती है ?

सुपारी किलिंग के केस धन से चलते हैं कम हो जायंगे .अबैध हथियारों के लिए मोटी रकम जुटानी पडती है कहाँ से आएगी .जेल में भी इसी पैसे के बल पर कई कैदी सुविधा का जीवन जीते हैं .मोबाईल और दूसरी सुविधायें अच्छा खाना जेल में दादागीरी धन के बल पर ही चलती हैं यहाँ तक जेल से भी क्राईम का व्यापार चलता है .चुनाव लड़ना, जीतने के लिए पानी की तरह रुपया बहाना, झंडे बैनर, रैलियों में भीड़ जुटाना गाड़ियाँ दौडाना और बड़े-बड़े मंच सजाना काले धन से ही संभव है सफेद पैसे में तो हर रूपये का हिसाब होता है . चुनाव जीतना भी फायदे का सौदा नहीं रहेगा कई नये बरसाती नेता राजनीति में उभरते कम दिखाई देंगे जिसके लिए जम कर पैसा बहाते थे अब वह क्या करेंगें?

खून पसीने से कमाई गये धन का सम्मान बढ़ेगा ईमानदार की इज्जत बढ़ेगी बैंकों और एटीएम के आगे लाईने जरुर हैं वहाँ भी धन कुबेरों का लोग मजाक उड़ा रहे हैं .अपने काले पैसे को सफेद करने के लिए वह कमिशन देने को तैयार हैं .लेबर को फावड़ा चलवाने के बजाय दिहाड़ी पर बैंकों की लाइन में लगाया जा रहा है जन धन योजना का भी अभी भरपूर लाभ उठा रहे हैं .पेट्रोल फूंकती गाड़ियां ज्वाय राईड भी कम होते जायेंगे. तेज दौड़ती महंगी कारों में पड़े पेट्रोल डीजल में काले धन का नशा तथा एक्सीलेटर पर दबाब देते काले धन से खरीदे जूतों का दबाब भी कम होगा .

कम्पीटीशन में मेघावी बच्चे बहुत जान मारते हैं लेकिन कैपिटेशन के बल पर एडमिशन मिल जाए डिग्री हासिल हो जाये बच्चे जान क्यों मारेंगे डिग्री के लिए एक सीधे रास्ते से अच्छे संस्थानों में एडमिशन लेना लेकिन धन बल से हल्के संस्थानों में डिग्री लेना असम्भव को सम्भव कर दिखाते थे आम व्यवहार में कहा जाता था पैसे से क्या नहीं खरीदा जा सकता ? जबाब होता था अच्छी डिग्री नहीं खरीदी जा सकती अब तो बिना इम्तहान दिए ‘टापर’ बनना भी सम्भव हो गया था .मोटर साईकिल पर करतब दिखाते किशोरों के करतब कम नजर आयेंगे लेटेस्ट मोबाईल खरीदने की होड़ सेल्फी खींचना फड़क मारना फेस बुक पर लम्बी डींगे हांकना कम होता जाएगा . संचित काले धन से लोगों की जीवन शैली देख कर जो लोग क्षोभ और जलन के कारण अवसाद के शिकार होते थे उसमें कमी आ जाएगी ऐसा आमिर गरीब की खाई कम होने पर ही सम्भव होगा .यही अवसाद और क्षोभ उनमें अपराध के अंकुर को पनपने से रोकेगा गाँधी जी ने कहा था “अगर धन मुझे राक्षस बना दे तो मैं गरीबी का ही चयन करूंगा” धीरे-धीरे काले धन से बौराए नये धनाढ्यों की संख्या भी कम होती जायेगी .

(डॉ अशोक भारद्वाज)

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