कोबरा पोस्ट का स्टिंग ऑपरेशन सुपारी पत्रकारिता का उदाहरण

अमित दुबे

एक पत्रकार ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर लिखा था की चुनाव के समय किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष के साथ दुर्भावना से किया गया स्टिंग ऑपरेशन सुपारी पत्रकारिता के अंदर आता है.

कोबरा पोस्ट (जिसके कर्ता धर्ता आशीष खेतान जैसे आम आदमी पार्टी के पत्रकार हैं) के द्वारा चुनाव की अग्रिम बेला मे किया गया रामजन्मभूमि पर ये स्टिंग ऑपरेशन कॉंग्रेस और आम आदमी पार्टी के गठजोड़ को दिखाता है !

जब कॉंग्रेस के हाथ से मुसलमान वोट फिसल रहे हैं और आम आदमी पार्टी भी कुछ खास कमाल नहीं कर पा रही है तब कॉंग्रेस की डर्टी ट्रिक्स टीम ने ये स्टिंग करके भाजपा के साथ आ रहे मुस्लिम वोटों को काटने का प्लान बनाया है.

वैसे सोचिए जब बाबरी विध्वंस मे मोदी स्पष्टतः शामिल नहीं थे तब भाजपा को नुकसान पहुंचाने के ये सब हथकंडे अपनाए जा रहे हैं ! अगर मोदी इस जनआंदोलन मे शामिल होते तो आज तो मीडिया अपनी चुड़ियाँ फोड़ फोड़ कर अपने हाथों से खून निकाल लेता !

गज़ब की बात है ! भाजपा ने सोचा था की इस बार ये चुनाव विकास और भ्रष्टाचार के खात्मे पर लड़ा जाएगा लेकिन ये कॉंग्रेस है की इस चुनाव को फिर से सांप्रदायिकता की ओर ले चल रही है !!

कॉंग्रेस के नेता भी सोचते होंगे की “हमसे लड़ने की हिम्मत तो जुटा लोगे लेकिन वो कमीनापन कहाँ से लाओगे ??”

(स्रोत-फेसबुक)

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