नामवर सिंह ने किया मनोज भावुक के ग़ज़ल अल्बम का लोकार्पण

संध्या श्रीवास्तव

लोकार्पण करते हुए (दाहिने से) ग़ज़लकार नरेश कुमार नाज़, नारायणी साहित्य अकादमी की अध्यक्षा डा० पुष्पा सिंह विसेन, कला मर्मज्ञ संध्या सिंह, प्रोफ़ेसर नामवर सिंह, सुप्रसिद्ध कथाकार और ब्रिटेन की साहित्यिक संस्था कथा यूके के अध्यक्ष तेजेन्द्र शर्मा, मनोज भावुक, व्यंग्य-लेखक डॉ0 शेरजंग गर्ग एवं अंतरराष्ट्रीय किसान परिषद अध्यक्ष डा० चंद्रमणि ब्रह्मदत्त।
लोकार्पण करते हुए (दाहिने से) ग़ज़लकार नरेश कुमार नाज़, नारायणी साहित्य अकादमी की अध्यक्षा डा० पुष्पा सिंह विसेन, कला मर्मज्ञ संध्या सिंह, प्रोफ़ेसर नामवर सिंह, सुप्रसिद्ध कथाकार और ब्रिटेन की साहित्यिक संस्था कथा यूके के अध्यक्ष तेजेन्द्र शर्मा, मनोज भावुक, व्यंग्य-लेखक डॉ0 शेरजंग गर्ग एवं अंतरराष्ट्रीय किसान परिषद अध्यक्ष डा० चंद्रमणि ब्रह्मदत्त।
सुपरिचित भोजपुरी शायर मनोज भावुक के भोजपुरी ग़ज़ल अल्बम ‘तस्वीर जिन्दगी के ’ का लोकार्पण नई दिल्ली के हिन्दी भवन में देश के प्रख्यात साहित्यकार व समालोचक डॉ. नामवर सिंह के हाथों हुआ ।

विदित हो की टी सीरिज द्वारा रीलिज इस प्रथम भोजपुरी ग़ज़ल अल्बम में भावुक की आठ गजलों का समावेश है जिन्हें बॉलीवुड के प्रसिद्ध युवा गायक व संगीतकार सरोज सुमन ने अपना स्वर दिया है । कॉन्सेप्ट प्रतिभा-जननी सेवा संस्थान के चेयरमैन मनोज सिंह राजपूत का है। वहीं संयोजन संस्था के नेशनल को-आर्डिनेटर आशुतोष कुमार सिंह का है।

हिंदी भवन में अंतरराष्ट्रीय किसान परिषद द्वारा आयोजित डॉ. नामवर सिंह के 88 वें जन्मदिन पर आयोजित यह कार्यक्रम तीन सत्रों में संपन्न हुआ- पहला जन्मदिन समारोह , दूसरा ग़ज़ल अल्बम का विमोचन, तीसरा काव्य गोष्ठी।

समारोह में डा0लक्ष्‍मी शंकर वाजपेयी (प्रसिद्ध ग़ज़लकार एवं आकाशवाणी,दिल्‍ली के केन्‍द्र निदेशक), आकाशवाणी के कवि राम अवतार व डा० हरी सिंह पाल, हिन्दी अकादमी के डाo चन्द्र सेन, NTPC के GM एन.एन.मिश्रा, मंजुली प्रकाशन के योगेश चन्द्र भार्गव, भीलवाड़ा के ओम तिवारी, मेरठ के ईश्वर चन्द्र गंभीर, देहरादून से डा0 लक्ष्मी भट्ट, मेरठ के मनोज कुमार मनोज, बुलंदशहर के मुकेश निर्विकार, अलीगढ़ के गाफिल स्वामी, हापुड़ के सुनील हापुडिया, वंदना पुष्पेन्द्र, अल्हड बीकानेरी के सुपुत्र अशोक शर्मा आदि कवियों ने काव्य पाठ किया।

इस काव्य गोष्ठी में मनोज भावुक ने इस अल्बम की कई ग़ज़लें तरंनुम में पेश की जिस पर आलोचक नामवर सिंह ने कहा भोजपुरी में तुम कमाल कर रहे हो। साथ हीं यह भी कहा कि जब भी भाषा पर संकट आता है, हमें लोकभाषाओं की ओर देखना पड़ता है। मनोज भावुक लोकभाषा भोजपुरी के समर्थ और सफल कवि हैं।

कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार सुरेन्द्र सार्थक ने किया तथा आभार अंतरराष्ट्रीय किसान परिषद के अध्यक्ष डा० चंद्रमणि ब्रह्मदत्त ने व्यक्त किया।

(प्रस्तुति – संध्या श्रीवास्तव)

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