शिवराज सिंह चौहान ने बालेन्दु दाधीच को किया सम्मानित

balenduमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी.कॉम के संपादक और तकनीकविद् बालेन्दु शर्मा दाधीच को सम्मानित किया। श्री दाधीच को हिंदी भाषा के तकनीकी सशक्तीकरण और पत्रकारिता में योगदान के लिए भोपाल के ‘शहीद भवन’ में आयोजित हिंदी पर्व के दौरान सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के उप कुलपति मोहन लाल छीपा तथा बड़ी संख्या में हिंदी प्रेमी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने संयुक्त रूप से किया।

मुख्यमंत्री ने प्रभासाक्षी.कॉम के संपादक बालेन्दु शर्मा दाधीच को प्रशस्ति पत्र, शॉल, श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। श्री दाधीच के अलावा पाँच अन्य हिंदी-सेवियों तथा प्रगत संगणन विकास केंद्र (सीडैक) को हिंदी के विकास में बहुमुखी योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव संस्कृति मनोज कुमार श्रीवास्तव और संस्कृति संचालक श्रीमती रेणु तिवारी भी उपस्थित थे। प्रभासाक्षी.कॉम के संपादक बालेन्दु शर्मा दाधीच ने हिंदी भाषियों के तकनीकी सशक्तीकरण की दिशा में उन्होंने बहुपक्षीय प्रयास किए हैं। ये हैं- हिंदी सॉफ्टवेयरों, वेब अनुप्रयोगों आदि का विकास; तकनीकी विषयों पर विशद लेखन; शैक्षणिक संस्थानों में तकनीक, हिंदी और मीडिया से जुड़े विषयों पर व्याख्यान और कायर्शालाएँ; केंद्र तथा राज्य सरकारों के तकनीकी विभागों और संस्थानों की योजनाओं-परियोजनाओं में सक्रिय भूमिका आदि। उन्होंने मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित अनेक देशों में सैंकड़ों हिंदी प्रेमियों को कार्यशालाओं के माध्यम से तकनीकी क्षेत्र में हिंदी में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया है।

तकनीकी क्षेत्र में कार्य

श्री दाधीच ने सन् 1998 में हिंदी में ‘वेबवार्ता’ नामक हिंदी पोर्टल का विकास किया था। सन् 1999 में उन्होंने कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए ‘माध्यम’ नामक शब्द संसाधक (वर्ड प्रोसेसर) का विकास कर उसे नि:शुल्क उपलब्ध कराया था। इस सॉफ्टवेयर की एक लाख से अधिक प्रतियाँ डाउनलोड हुईं और इसका प्रयोग करने वाले संस्थानों में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तथा लोकसभा भी शामिल हैं। श्री दाधीच सन् 2001 से लोकप्रिय हिंदी पोर्टल ‘प्रभासाक्षी डॉट कॉम’ के संपादन का दायित्व संभाल रहे हैं। उनके अन्य योगदानों में यूनिकोड हिंदी संशोधक, दोतरफा हिंदी फॉन्ट परिवर्तक ‘सटीक’ आदि प्रमुख हैं। कंप्यूटर पर हिंदी में मानक टाइपिंग सिखाने वाले उनके निःशुल्क सॉफ्टवेयर ‘स्पर्श’ का मार्च 2011 में लंदन में लोकार्पण हुआ था। हिंदी से जुड़े लगभग एक दर्जन अनुप्रयोगों का विकास उन्होंने किया है और ये सभी निःशुल्क प्रयोग के लिए उपलब्ध हैं। उन्होंने पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय (अमेरिका) के हिंदी प्रशिक्षण कार्यक्रम के वेब-अनुकूलन का दायित्व भी संभाला था।

श्री दाधीच ने चार पुस्तकें लिखी हैं जिनमें ‘तकनीकी सुलझनें’ नवीनतम है, जो अपने विमोचन के बाद सिर्फ चार महीने की अवधि में ही आउट ऑफ प्रिंट हो गई। यह हिंदी की तकनीकी बेस्टसेलर्स में से एक है, जिसका अगला संस्करण हिंद पॉकेट बुक्स की ओर से आ रहा है। तकनीकी विषयों पर ‘नवभारत टाइम्स’, ‘हिंदुस्तान’, ‘जागरण’, ‘राष्ट्रीय सहारा’, ‘राजस्थान पत्रिका’, ‘आज समाज’, ‘कादम्बिनी’, ‘शुक्रवार’, ‘नंदन’ आदि में उनके स्थायी स्तंभ और आलेख प्रकाशित होते हैं। टेलीविजन चैनलों और रेडियो पर तकनीक से जुड़े कार्यक्रमों में नियमित भागीदारी के साथ-साथ वे न्यू मीडिया पर भी अत्यधिक सक्रिय हैं। उनका नवोन्मेषी ‘साइबर शो’ नामक इंटरनेट आधारित वीडियो कार्यक्रम अपने आपमें अनूठा है। हिंदी में ई-पुस्तकों को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने ई-प्रकाशक नामक संस्था की मेन्टरिंग की है, जिसने अनेक हिंदी लेखकों तथा कवियों की पुस्तकों को आधुनिक ई-बुक फॉरमैट में जारी किया है।

अन्य उपलब्धियाँ
श्री दाधीच तकनीक और भाषा के समन्वय में निष्णात हैं। उन्होंने अमेरिका, इंग्लैंड, मॉरीशस, जापान, दक्षिण अफ़्रीका और नेपाल में ‘भाषा और तकनीक’ विषयों से जुड़े प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सक्रिय हिस्सेदारी की है। उन्होंने विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित आठवें विश्व हिंदी सम्मेलन (2007) के दौरान हिंदी तकनीक को लेकर न्यूयॉर्क में लगाई गई अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के संयोजक की भूमिका निभाई थी और सम्मेलन के वेब पोर्टल का दायित्व भी संभाला था। श्री दाधीच को न्यूयॉर्क (8वें) तथा जोहानीसबर्ग (नौवें) में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलनों के सूचना प्रौद्योगिकी सत्रों के संचालन का गौरव प्राप्त है। जुलाई-अगस्त 2013, अप्रैल 2014 तथा अन्य मौकों पर उन्होंने विश्व हिंदी सचिवालय के सौजन्य से आयोजित कार्यक्रमों के तहत दक्षिण अफ़्रीका के डरबन तथा जोहानीसबर्ग शहरों और मॉरीशस में एक हजार से अधिक लोगों को तकनीकी माध्यमों पर हिंदी के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किया।

हिंदी भाषा के प्रति समर्पण तथा तकनीकी कौशल के लिए श्री दाधीच को अनेक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिनमें संसद भवन में ‘राष्ट्रभाषा गौरव सम्मान’, एस राधाकृष्णन स्मृति मीडिया अवार्ड, राजीव गांधी एक्सीलेंस अवार्ड (तकनीक), हिंदी अकादमी दिल्ली सरकार का ज्ञान प्रौद्योगिकी पुरस्कार, गूगल की ब्लॉग प्रतियोगिता ‘है बातों में दम’ के विजेताओं में शामिल, माइक्रोसॉफ्ट मोस्ट वेल्युएबल प्रोफेशनल (एमवीपी) (2007-2009), रोटरी राजभाषा सम्मान 2009, वेब मीडिया के लिए ‘न्यूज़पेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ सम्मान, अक्षरम आईटी सम्मान, श्रेष्ठ लेखन के लिए खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) द्वारा विश्व खाद्य दिवस पुरस्कार आदि शामिल हैं। उन्हें पिछले सप्ताह मुंबई में गोवा की राज्यपाल श्रीमती मृदुला सिन्हा के हाथों ‘भाषा प्रौद्योगिकी सम्मान’ भी प्रदान किया गया था।
बालेन्दु शर्मा दाधीच को राजभाषा हिंदी में कंप्यूटरीय विकास को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गठित की गई तीन समितियों (2009) का सदस्य बनने का गौरव भी प्राप्त है। श्री दाधीच हिंदी भाषा, कंप्यूटर विज्ञान, प्रबंधन और पत्रकारिता, चारों विषयों में स्नातकोत्तर योग्यता धारी हैं। विगत में वे हिंदुस्तान टाइम्स समूह, इंडियन एक्सप्रेस समूह, सहारा समूह और राजस्थान पत्रिका समूह के मीडिया संस्थानों में कार्य कर चुके हैं।

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