स्क्रीन पर इंडिया टीवी के विनोद कापड़ी और टाइम्स नाउ के अर्णब गोस्वामी

स्क्रीन पर विनोद कापड़ी और अर्णब गोस्वामी
स्क्रीन पर विनोद कापड़ी और अर्णब गोस्वामी

डॉ.वर्तिका नंदा
विनोद कापड़ी मीडिया की बनाई हुई सरहदों को लांघ कर एक सुंदर कोशिश की आपने। अर्णब का ओबी जरूरी और सार्थक रहा। मेरा मन इन सत्ताधीशों और विपक्ष के शोरगुल के महारथियों से यह पूछने का है कि क्या आप सैनिकों को मुफ्त का सामान समझते हैं।

आपकी आंखों के सामने घुसपैठ हो रही है, मीडिया बता रहा है, आप अपनी आपसी कबड्डी से कब बाहर आएंगें और यह महसूस करने की कोशिश करेंगे कि आपके इस रवैये से सेना का मन टूट रहा है और हमारा भी।

सबसे ज्यादा तब होता है जब आप दिखते हैं तिरंगे से सटे हुए। सेना क्या आपका राजनीतिक पिज्जा है। और हां, हम। हम कब इस सत्ता को नए कान और नया चश्मा देंगे और ….कभी देंगे भी या नहीं। उम्मीद पर दुनिया कायम है, मैं भी, आप भी। हे राम.

(डॉ.वर्तिका नंदा के एफबी से साभार)

नदीम अख्तर
टीवी चैनल उछल-उछल कर अरुणाचल के तवांग में जिस चीनी घुसपैठ की LIVE तस्वीरें EXCLUSIVE दिखा रहे हैं, कोई ये बताएगा कि ये वीडियो फुटेज पहले किसे और कहां से मिला…इतना sensitive वीडियो फुटेज यूं ही मीडिया के हाथ नहीं लगता…इसे दिया जाता है…प्लांट किया जाता है…या फिर ऐसी मेहनत किसी तेज-तर्रार पत्रकार की हो सकती है…

फुटेज देखकर मुझे तो ये लग रहा है कि वीडियो वहां मौजूद किसी शख्स ने बनाया है…उसने बाकायदा जूम आउट और जूम इन भी किया है इसमें…लेकिन मीडिया के हाथ ये वीडियो फुटेज आया कहां से???? ये सवाल इसलिए भी लाजमी है कि line of actual control पर जिस भी स्थान पर ये वीडियो फिल्माया गया है, वहां हर कोई नहीं आ-जा सकता…तो क्या इस वीडियो को भारतीय या चीनी सेना के किसी जवान या अफसर ने फिल्माया था??? और अगर हां, तो मीडिया तक ये कैसे पहुंचा…कौन क्या प्लांट करवाना चाह रहा है…कौन किस मुद्दे से किसका ध्यान भटकाना चाह रहा है…कौन क्या छुपाना चाह रहा है…कौन डिप्लोमेसी में क्या गेम खेल रहा है…कौन विश्व समुदाय और खासकर भारतीय जनता में क्या संदेश पहुंचाना चाह रहा है?????? सवाल कई है…
लेकिन हम भारतीयों के लिए एक सबसे अहम बात, भारतीय सेना के एक रिटायर्ड अफसर और रक्षा विशेषज्ञ की जुबानी इस बात को समझिए..

” भारत की उत्तरी-पूर्वी सीमा और चीन से लगे भारतीय क्षेत्रों में हमारी तैयारी चीन के मुकाबले बहुत पिछड़ी हुई है. चीन हमसे 25 साल आगे है. उनका logistics support system और तैयारी के सामने हम कहीं नहीं टिकते. हमने 1962 के युद्ध और अपनी हार से भी सबक नहीं सीखा. चीन की तैयारी 50 साल आगे की होती है और हमारी कुछ भी नहीं. मौजूदा हालात तो चीन की तरफ से बस आगाज भर है…. ”

तो उलझे रहिए पाकिस्तान के नापाक इरादों में, उसने एक बार फिर भारत के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है…चीन का चमचा है…वही कर रहा है, जो चीन चाह रहा है…आप उधर ही ध्यान लगाकर रखिए…लेकिन अबकी बार 1962 वाली कहानी से बात आगे बढ़ जाएगी…जानते हैं कि भारत एटमी पावर गणराज्य है लेकिन आपको चारों तरफ से घेरा जा चुका है…चीन-बांग्लादेश-पाकिस्तान और श्रीलंका. बचके कहां जाएंगे….आप मंदिर-मस्जिद और घोटालों-गरीबी में उलझे रहिए…कौन जाने दक्षिण एशिया की भौगोलिक तस्वीर कब बदल जाए???? और कौन रोकेगा चीन को….अमेरिका और रूस??? किसी भुलावे में मत रहिएगा क्योंकि जो अपनी हिफाजत खुद नहीं कर सकता, दुनिया तो क्या, किस्मत भी उसका साथ नहीं देती.

(Nadim S. Akhter के फेसबुक वॉल से साभार)

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