बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर कांग्रेस में सनसनी

नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी
नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी

देहरादून से चन्‍द्रशेखर जोशी की एक्‍सक्‍लूसिव रिपोर्ट

नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी
नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश
रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी
नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी फैल गयी है, उत्तराखंड सरकार ने रामदेव एंड कंपनी को सरकारी हेलीकॉप्टरों से केदारधाम भेजकर वहां पूजा-पाठ करवाया। यात्रा को ज्यादा से ज्यादा प्रचार मिले, इसके लिए दिल्ली से न्यूज चैनलों को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि बाबा मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर केदारनाथ आए थे। मुख्यमंत्री के खासमखास औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत मोदी के नवरत्नों में शामिल रामदेव और अन्य संतों को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से केदारनाथ ले गए।

नेहरू तथा सोनिया गॉधी के चरित्र पर ऊंगली उठाने वाले बाबा रामदेव की हरीश रावत से दोस्‍ती पर दिल्‍ली में कांग्रेस में सनसनी फैल गयी है,
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को चरित्रहीन कहने वाले बाबा रामदेव ने कांग्रेस अध्‍यक्षा सोनिया गॉधी तथा राहुल गॉधी को भी नही बख्‍शा था, तथा कांग्रेस के सर्वोच्‍च नेताओं पर पर हर तरह के संगीन व सनसनीखेज लांछन व आरोप लगाये थे, आज उसी बाबा रामदेव से उत्‍तराखण्‍ड के कांग्रेस मुख्‍यमंत्री ने दोस्‍ती महज इसलिए कर ली कि बाबा रामदेव केन्‍द्र सरकार से धनराशि दिलवायेगे तथा हरीश रावत सरकार को केदारनाथ में कार्य करने का प्रमाण पत्र- परन्‍तु उत्‍तराखण्‍ड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत द्वारा बाबा रामदेव को गले लगाने से दिल्‍ली स्‍थित कांग्रेस गलियारों में सनसनी फैल गयी है, हालांकि हरीश रावत को मामले की गंभीरता का अहसास अभी तक नही हो पाया है परन्‍तु अंदरखाने की खुफिया रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस में ऊपरी स्‍तर तक हरीश रावत की बाबा रामदेव की दोस्‍ती को लेकर गाज गिरना तय है, 2015 में उत्‍तराखण्‍ड को तीसरा मुख्‍यमंत्री देखना पड सकता है, ज्ञात हो कि कांग्रेस अध्‍यक्षा सोनिया गॉधी ने छोटी सी गलती को लेकर लम्‍बे समय तक सपा सुप्रीमो को माफ नही किया था, वह क्‍या उस बाबा रामदेव को माफ कर सकती है कि जिसने उनके चरित्र को लेकर लगातार सवाल उठाये हो-

ज्ञात हो – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चिदंबरम ने अपने एक बयान में कहा है कि कांग्रेस पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है। वही दूसरी ओर उत्तराखण्ड में सत्तारूढ कांग्रेस द्वारा जाने अनजाने में कांग्रेस का मनोबल गिराने वालों को तवज्जो देने की नीति अमल में लाई जा रही हैं, कांग्रेस अध्यंक्षा सोनिया गॉधी से लम्बी लडाई लडने वाले बाबा रामदेव को कांग्रेस उत्तराखण्डी में विशेष तवज्‍जो दे रही है, प्रमुख समाचार पत्रों की रिपोर्टके अनुसार उत्तराखंड सरकार ने चारधाम और वर्ष भर चलाई जाने वाली यात्राओं की ब्रांडिंग के लिए रामदेव एंड कंपनी को सरकारी हेलीकॉप्टरों से केदारधाम भेजकर वहां पूजा-पाठ करवाया। यात्रा को ज्यादा से ज्यादा प्रचार मिले, इसके लिए दिल्ली से न्यूज चैनलों को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि बाबा मुख्यमंत्री हरीश रावत के अनुरोध पर केदारनाथ आए थे। मुख्यमंत्री के खासमखास औद्योगिक सलाहकार रंजीत रावत मोदी के नवरत्नों में शामिल रामदेव और अन्य संतों को हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ से केदारनाथ ले गए। बदली भूमिका के बारे में सवाल दगे तो बाबा बोले-हरीश रावत ने पहल की तो हमने भी हाथ बढ़ा दिया। बाबा की यात्रा का कार्यक्रम मंगलवार देर रात बना। बाबा ने मुख्यमंत्री के निमंत्रण को एकाएक स्वीकार कर सभी को चौंका दिया। बुधवार सवेरे बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दिल्ली से आए मीडिया के साथ केदारनाथ पहुंचे। बाबा ने तीर्थ पुरोहितों से भी वार्ता की। केदारनाथ मंदिर में पूजा-पाठ के बाद मंदिर परिसर स्थित हवन कुंड में यज्ञ किया। करीब दो घंटे केदारनाथ में बिताने के बाद वह हरिद्वार लौट आए। बाबा के साथ हेलीकॉप्टर से जाने वालों में दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, बड़ा अखाड़ा उदासीन के महंत मोहन दास तथा शिवानंद भारती थे। रामदेव ने केदारधाम में किए जा रहे विकास कार्यों की प्रशंसा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए अतिरिक्त धन दिलाने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है कि मात़ सदन के संत स्वामी शिवानंद सरस्वुती जी महाराज से परहेज क्यों किया गया, उन्हें महज इसलिए दूर कर दिया गया कि वह हरिद्वार में अवैध खनन के सख्तन विरोधी है जिसे सूबे के मुखिया को यह पसंद नही है.

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