इंडिया टीवी के पत्रकार पर हमला-मानवाधिकार आयोग को शिकायत, मुआवज़े की मांग

इंडिया टीवी के पत्रकार मोहसिन हैदर के साथ लखनऊ पुलिस के कर्मचारियों द्वारा किये गए आपराधिक हमले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इंडिया को की गयी है. सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नूतन ठाकुर ने रुमा यादव, चौकी इंचार्ज चौक, सुनील यादव और सियाराम यादव, आरक्षी चौक, थाना अमीनाबाद द्वारा मोहसिन हैदर और महिलाओं सहित उनके परिवार के अन्य सदस्यों के साथ किये गए अकारण गाली-गलौज और श्री हैदर के साथ की गयी मारपीट को मानवाधिकार उत्पीडन की एक गंभीर घटना बताते हुए तत्काल कार्यवाही की मांग की है. डॉ ठाकुर ने अपनी शिकायत में कहा है कि मात्र इन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना अपने आप में काफी नहीं है. इसके अलावा श्री हैदर द्वारा दर्ज एफआइआर में नामित पुलिसकर्मियों की तत्काल गिरफ़्तारी और श्री हैदर को इन पुलिसकर्मियों के वेतन से समुचित मुआवजा दिया जाना भी न्यायहित में आवश्यक है.

सेवा में,
जस्टिस के जी बालाकृष्णन,
अध्यक्ष,
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग,
नयी दिल्ली
विषय- श्री मोहसिन हैदर, पत्रकार, इंडिया टीवी के साथ हुई अत्यंत निंदनीय और
अभद्र घटना
महोदय,

कृपया निवेदन है कि श्री मोहसिन हैदर पुत्र श्री सैयद सिब्ते हैदर (पता-
546/301एन, सरफ़राज़गंज, हरदोई रोड, लखनऊ, फोन नंबर- 099189-09032) लखनऊ के एक
युवा पत्रकार हैं जो वर्तमान में इंडिया टीवी में कार्यरत हैं.

दिनांक 30/10/2013 को श्री हैदर अपने परिवार के अन्य सदस्यों, भई श्री कमर
हैदर, भाभी सुश्री फिरदौस फातमा तथा सुश्री तहसीन फातमा और भतीजी सुश्री
खुशबूके साथ रात्री करीब बारह बजे अपनी निजी कार से लखनऊ स्थित
अमीनाबाद इलाके से गुजर रहे थे. वहां अमीनाबाद चौक के पास वे एक बैरिकेड के
बगल से गुजर रहे थे कि अचानक एक पुलिसवाले उनके पास आये और उन्होंने बिना कोई
बात बताये उनकी गाड़ी पर जोर से डंडा मार दिया. श्री हैदर और उनके परिवारवालों
ने इसका प्रतिकार किया तो पीछे से और भी पुलिसवाले आ गए और उन्होंने श्री हैदर
और उनके परिवार की महिलाओं से गाली-गलौज करना शुरू कर दिया. उनमे से किसी ने
श्री मोहसिन हैदर का कॉलर भी पीछे से पकड़ लिया.

जब श्री हैदर ने उन्हें बताया कि वे पत्रकार हैं और इंडिया टीवी में कार्य
करते हैं उसके बाद उन पुलिसवालों ने उन्हें और उनके साथ बैठी महिलाओं को भी
तमाम भद्दी गालियाँ दी, साथ ही यह भी कहा कि पत्रकारों का दिमाग खराब हो गया
है और उन्हें जबरदस्ती अमीनाबाद थाने पर ले गए.

जब श्री हैदर ने अन्य पत्रकारों को फोन किया तब उनके आने पर इन लोगों ने एडीजी
क़ानून व्यवस्था, उत्तर प्रदेश श्री मुकुल गोयल को फोन किया जिन्होंने पुनः
एसएसपी, लखनऊ को तत्काल मामले को देखने को कहा.

इसके बाद ही श्री हैदर थाने से छूट सके और उनके साथ हुए गाली-गलौज और मारपीट
का एफआइआर संख्या 402/2013 अंतर्गत धरा 323/504/506/394 आईपीसी बनाम सुश्री
रुमा यादव, चौकी इंचार्ज चौक, श्री सुनील यादव और श्री सियाराम यादव, आरक्षी
चौक, थाना अमीनाबाद दर्ज हुआ. इसके बाद बलरामपुर अस्पताल, लखनऊ में उनका
मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है.

श्री हैदर ने मुझे भी फोन से इस घटना के बारे में मेरे मोबाइल 094155-34525 पर
अवगत कराया और मैंने इस घटना के सम्बन्ध में श्री मोहसिन हैदर से इस घटना के
सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की, जिन्होंने मुझे उक्त सारी बातें
पुनः बतायीं. मैंने श्री हैदर के अलावा कुछ अन्य पत्रकार साथियों से भी इस
घटना के बारे में स्वतंत्र रूप से जानकारी प्राप्त की और उनमे से सभी ने लगभग
यही बात कही जिससे यह लगभग पुष्ट होता है कि ऊपर कही गयी बातें बिलकुल सही
हैं.

मुझे प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले दिन श्री मोहसिन हैदर की शादी भी थी. अतः
ऐसे में परिवार की महिलाओं के सामने पुलिसवालों के द्वारा इस प्रकार का अत्यंत
अभद्र और अनुचित आपराधिक आचरण अपने-आप में अत्यंत ही गंभीर हो जाता है. साथ ही
यह तथ्य भी द्रष्टव्य हो कि श्री हैदर को पत्रकार बताये जाने के बाद भी इनके
साथ अनवरत मारपीट की गयी और उन्हें गलत कारणों से अवैध तरीके से थाने पर
बैठाया गया है.

अगले दिन यह प्रकरण उत्तर प्रदेश सरकार के संज्ञान में आने के बाद उक्त तीनों
पुलिसकर्मी निलंबित तो किये गए पर अभी तक इन तीनों की गिरफ़्तारी नहीं की गयी
है, जबकि उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि इस मामले में दोषी पुलिस कर्मियों की
तत्काल गिरफ़्तारी भी न्याय की दृष्टि से नितांत अनिवार्य था.

आप सहमत होने कि यह पुलिस द्वारा पत्रकार उत्पीडन और मानवाधिकार उल्लंघन का
अत्यंत ही गंम्भीर मामला है. अतः मैं डॉ नूतन ठाकुर, मानवाधिकार प्रकरणों पर
कार्य करने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता, इस अत्यंत गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन
और पत्रकार उत्पीडन के मामले में तत्काल आपके स्वयं के स्तर से जांच कराये
जाने की मांग करती हूँ और निवेदन करती हूँ कि इस प्रकरण में यदि मेरे द्वारा
कही बातें सत्य हैं तो इसमें दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ़्तारी के साथ ही
पत्रकार श्री मोहसिन हैदर को इस पूरे प्रकरण से अकारण गुजरने के सम्बन्ध में
उन्हें इन दोषी पुलिसकर्मियों के व्यक्तिगत वेतन से समुचित
मुआवजा/क्षति-पूर्ती दिए जाने हेतु भी आदेशित करने की कृपा करें.

पत्र संख्या- NT/PCI/Mohsin/01 भवदीय,
दिनांक-02/11/2013
(डॉ नूतन ठाकुर)
5/426, विराम खंड,
गोमती नगर, लखनऊ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.