ज़ी न्यूज़ के रोहित सरदाना के निशाने पर इंडियन एक्सप्रेस

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रोहित सरदाना : कन्हैया को बचाने के लिए रोज ज़ी न्यूज़ का नाम छापते थे,आज रिपोर्ट आयी तो A Hindi News Channel हो गया.

ज़ी न्यूज़ के रोहित सरदाना ने इंडियन एक्सप्रेस पर तंज कसा है और उसकी एक रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि कन्हैया को बचाने के लिए रोज ज़ी न्यूज़ का नाम छापते थे,आज रिपोर्ट आयी तो A Hindi News Channel हो गया. सोशल मीडिया में रोहित के इस ट्वीट पर काफी गहमागहमी है. रोहित यही नहीं रुके. फेसबुक पर भी कन्हैया और राष्ट्रद्रोह वाले मामले पर लिखा –


सीबीआई की लैब की रिपोर्ट आ गई.हमें तो ये बात पहले दिन से पता थी, लेकिन सच जानने के बावजूद जो लोग कन्हैया गैंग को बचाने और अपनी राजनीति चमकाने के लिए नारेबाज़ी कर रहे थे, उनके मुंह पर तमाचा इस रिपोर्ट ने दोबारा मार दिया.

किस हद तक राजनीति नहीं गिरी?पहले कहा गया नारे लगे ही नहीं.जब वीडियो खुद गवाही देने लगे तो कहा गया पाकिस्तान का ज़िक्र नहीं था.जबकि कन्हैया खुद सफाईयां देते घूम रहा था कि पाकिस्तान का नारा लगाने वाले तो जी बाहर से आए थे. लेकिन उसके राजनीतिक वकीलों ने कहा, जब हम देश को असहिष्णु साबित कर सकते हैं, तो तुम्हारे गैंग को भी पाक-साफ़ साबित कर ही देंगे. उसके बाद शुरू हुआ नौटंकी टीम का काम.

एक प्रोड्यूसर से इस्तीफ़ा लिखा दिया गया, और उसमें खसतौर से लिखा गया कि पाकिस्तान का शब्द तो था ही नहीं जी. ज़बरदस्ती घुसाया गया था.जो अखबार,निजी कंपनियों से दसियों लोगों को बिना कारण पूछे निकाल दिए जाने पर चूं तक नहीं करते, उन्होंने इस्तीफे को हैडलाइन बनाया. जिन्हें लाखों किसानों के भूख से मर जाने पर शर्म तक नहीं आती, वो इस्तीफे को संसद में गवाही बना कर पेश करने लगे. अफ़ज़ल हम शर्मिंदा हैं के नारे शोरगुल में गुम होने लगे.



अदालतों के दरवाज़े खटखटा दिए गए. झूठी सुर्खियां बनवाई गईं.अवॉर्ड वापसी गैंग के मोहरों को एक्टिवेट किया गया कि हर तरह के मंच पर फिर से माहौल बनाया जाए.

लेकिन झूठ के पांव नहीं होते.वो कुछ देर घिसट तो सकता है. रेस नहीं जीत सकता.
ये रिपोर्ट हमारे दर्शकों के प्यार और भरोसे की जीत है.

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