न्यूज़ एक्सप्रेस के संपादक हैं या कसाई?

न्यूज़ एंकरों की शक्ल में न्यूज़ मॉडल
न्यूज़ एंकरों की शक्ल में न्यूज़ मॉडल

विनोद कापड़ी के जाते ही न्यूज़ एक्सप्रेस से बिना नोटिस निकाल दिए गए तीन दर्जन मीडियाकर्मी

अज्ञात कुमार

न्यूज़ एंकरों की शक्ल में न्यूज़ मॉडल
न्यूज़ एंकरों की शक्ल में न्यूज़ मॉडल

 

मीडिया संस्थानों में ये आम बीमारी हो चली है कि ऊपर के लेवल से एक -दो लोगों के जाते ही नीचे के स्तर पर भी कसाइयों की तरह छंटनी शुरू हो जाती है. नया मैनेजमेंट और बॉस बिना जांचे-परखे सबकी छुट्टी करने पर आमादा हो जाता है. हिंदी समाचार चैनल न्यूज़ एक्सप्रेस में कुछ ऐसा ही हुआ.

विनोद कापड़ी के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ के पद से इस्तीफे और नए बॉस प्रसून शुक्ला के आते ही वहां काम करने वाले तीन दर्जन से अधिक मीडियाकर्मियों पर गाज गिरी.वे बिना नोटिस के निकाल दिए गए.

अचानक से उन्हें रास्ते पर ला खड़ा किया गया. उनकी खता इतनी सी थी कि उनमें से ज्यादातर की नियुक्ति उस समय हुई थी जब विनोद कापड़ी बॉस हुआ करते थे. बस उसी की सजा उन्हें मिली. बहरहाल यदि नौकरी से निकालना ही था तो कायदे से निकालते. वैसे दुनिया छोटी है और समय बलवान. निकालने वाले कभी-न-कभी निकलते भी हैं.

ख़ैर पुराने लोगों को निकाल कर कई नए लोगों की भर्तियाँ की गयी और कुछ ही दिनों में ये भी दर्शा दिया गया कि न्यूज़ एक्सप्रेस टीआरपी चार्ट में बहुत बेहतर कर रहा है. उसके लिए टैम के नाम का इस्तेमाल भी किया गया. लेकिन टीआरपी चार्ट की वह उछाल लफ्फाजी के सिवाए कुछ नहीं थी.

सूत्रों की माने तो टीआरपी जांचने वाली संस्था टैम ने एक न्यूज़ चैनल की आपत्ति के बाद न्यूज़ एक्सप्रेस को नोटिस भी भेजा था. ख़ैर ये सब उछल-कूद से चैनल का उद्धार नहीं होने वाला है. वैसे साल भर होते-होते ही यहाँ बॉस तो बदल ही जाता है.न्यूज़ एक्सप्रेस का यही इतिहास रहा है.

(एक पत्रकार के पत्र पर आधारित)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.