जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका- डाॅ. सिंघल

जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका- डाॅ. सिंघल
जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका- डाॅ. सिंघल

जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका- डाॅ. सिंघल
जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका- डाॅ. सिंघल
कोटा. जनमत निर्माण में मीडिया की सशक्त भूमिका है तथा मीडिया प्रशासन एवं जनता के बीच कडी का कार्य करता है। यह विचार आज यहा राजकीय महाविद्यालय में लोक प्रशासन विभाग के तत्वावधान में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की 12 वीं योजना अन्तर्गत विस्तार व्याख्यान माला की श्रृंखला में पूर्व संयुक्त निदेशक (जनसम्पर्क) डाॅ. प्रभात कुमार सिंघल ने मुख्य अतिथी एवं मुख्य वक्ता के रूप में संम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। डाॅ. सिंघल “ मीडिया, जनता एवं प्रशासन तथा जनमत निर्माण ” विषय पर व्याख्यान दे रहे थे।

मुख्य वक्ता के रूप में डाॅ. सिंघल ने मीडिया की जनमत निर्माण में भूमिका पर प्रकाश डालते हुए मीडिया के साथ जनता और प्रशासन के परस्पर सम्बंधो पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मीडिया, जनता और प्रशासन के बीच एक सेतू का कार्य करता है। उन्होंने अपने सेवा काल के अनुभवों को उदारहण सहित बताते हुए कहा कि किस प्रकार जनहित में मीडिया और प्रशासन मिलकर कार्य करते है।

डाॅ. सिंघल ने अर्वाचीन काल से आज तक हुए मीडिया के विकास के विभिन्न चरणों की जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार प्रिन्ट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया जनता की जिज्ञासा को शान्त करते है। उन्होंने धैर्य, मधुर व्यवहार, टीम भावना के साथ कार्य करना, प्रशासन और मीडिया के बीच अच्छे सम्बंध स्थापित करना सफल जनसम्पर्क अधिकारी के गुणों को विस्तार से बताते हुए जनसम्पर्क कार्य को एक चुनौति पूर्ण कार्य बताया। उन्होंने संभागियो द्वारा पूछे गये प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी शंकाओ का समाधान भी किया।

व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य टी.सी.लोया ने प्रारंभ में सभी का स्वागत करते हुए कहा कि हर युग में मीडिया का अपना महत्व रहा है। उन्होंने माॅ सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

लोक प्रशासन विभाग की विभागाध्यक्ष श्रीमती राजकोर ओला ने जानकारी दी की व्याख्यानमाला का शुभारंभ मंगलवार से किया है। प्रथम दिन “संवैधानिक मूल कर्तव्य एवं मताधिकार (अनिवार्य मतदान के विशेष संदर्भ मंे)” विधि विशेषज्ञ एवं पूर्व विधी व्याख्याता अरूण कुमार शर्मा ने व्याख्यान दिया। उन्होंने मूल अधिकार, विधिक अधिकार, नैतिक अधिकार तथा अनिवार्य मतदान की व्यवहारिकता को विस्तार से बताया।

कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं के साथ-साथ वरिष्ठ संकाय सदस्य विजयकरण सिंह, जागेराम जोरासिया एवं अन्य संकाय सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता मनोरंजन सिंह ने करते हुए मुख्य अतिथी का परिचय प्रस्तुत किया। विभागाध्यक्ष ने सभी का आभार प्रकट किया।

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