क्या मीडिया के दोगलेपन का और कोई नमूना बाकी है ?

अभय पाण्डेय

मुज़फ्फरनगर पर हाय तौबा मचाने वाली मीडिया को क्या खिरकिया (मध्य प्रदेश) कस्बे के दंगे नहीं दिखे या वहां से नोटों के बण्डल ने उनका मुह और केमरा बंद करा दिया। शायद यही मीडिया का दोगलापन है। क्या खिरकिया भारत में नहीं आता?

19 सितंबर को यहां जो कुछ हुआ, वह इस अमनपसंद शहर के लिए बुरे सपने की तरह था. उस दिन अनंत चतुर्दशी के मौके पर खिरकिया के समीप पहटकलां गांव के नाले में एक मवेशी का शव मिलने से खिरकिया अचानक सांप्रदायिक तनाव की चपेट में आ गया. पुलिस और प्रशासन सक्रिय होता उससे पहले ही बीजेपी, विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के नेताओं ने ट्रॉली में मृत मवेशी के शव को लाकर स्थानीय नागरिकों के साथ मुख्य सड़क पर चक्का जाम कर दिया. मवेशी की मौत को लेकर पुलिस ने तीन लोगों को फौरन गिरफ्तार कर लिया, लेकिन ये लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे.
उपद्रवियों ने माहौल बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी. सड़क पर हंगामा करने के बाद उपद्रवियों ने अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाना शुरू कर दिया. दुकानों और धर्मस्थलों में तोडफ़ोड़ की जाने लगी. एक दर्जन से भी ज्यादा वाहनों में भी आग लगा दी गई जिसमें पुलिस के वाहन भी शामिल थे. इसके बाद पहटकला रोड पर रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भीड़ का निशाना बने. उनके घरों में आग लगा दी गई. फायर बिग्रेड वहां पहुंचा तो भीड़ ने उसे रोकने की कोशिश की. जब पुलिस अमला उपद्रवियों को काबू करने पहुंचा तो भीड़ ने उस पर हमला बोल दिया. आधा दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस को हवा में फायरिंग करनी पड़ी. हालात इतने बिगड़े कि खिरकिया और पास के छिपाबड़ कस्बे में प्रशासन ने कफ्र्यू लगा दिया. तब जाकर स्थिति पर काबू पाया जा सका. खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल से अतिरिक्त पुलिस बल भी बुला लिया गया. इस दौरान 33 घरों और 6 दुकानों को नुकसान पहुंचाया गया.

सामाजिक कार्यकर्ता अनुराग मोदी ने याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि दंगा भड़काने में बीजेपी विधायक कमल पटेल, उनके बेटे सुदीप पटेल और उनके सहयोगियों का हाथ है. मोदी कहते हैं, “पटेल और सहयोगियों ने लोगों को भड़काकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला करवाया. मृत मवेशी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हो गया है कि उसकी मौत अधिक मात्रा में प्लास्टिक खाने से हुई थी” वे पुलिस पर भी आरोप लगाते हैं कि वह असली आरोपियों को बचा रही है और आम लोगों को धारा 141 के तहत बंद कर रही है.

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