मीडिया में आह राहुल – वाह राहुल

मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो रहा है क्योंकि मीडिया में बिकाउ, दलाल और चमचों का बोलबला हैं। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के प्रति जिस तरह से मीडिया ने स्वामीभक्ति दिखायी उससे मीडिया को कौन विश्वसनीय मान सकता है?

मीडिया की पतनशीलता की गर्त इतनी शर्मनाक है कि वह लोकतांत्रिक भारत में राहुल गांधी को युवराज और राजा की पदवी देने से भी परहेज नहीं कर रहा है। मीडिया का फर्ज था कि वह वंशवादी परंपरा और कांग्रेसियों की स्वामिभक्ति पर सवाल उठाता?

राहुल गांधी-सोनिया गांधी को तब क्यों नहीं आंसू आता जब देश की सीमा पर वीर सैनिकों का सिर कलम किया जाता है, जब देश में भूख से तडप-तडप कर देशवासी मरते हैं, जब गरीबों के कल्याण का पैसा भ्रष्टाचार में जाता है, सुरेश कलमाड़ी, ए राजा, वाड्रा आदि देश को लूटते हैं?

यह सवाल मीडिया तब उठाता जब मीडिया में दलाल, चमचे और बिकाउ जैसे लोग नहीं होते?

(अनुभवी पत्रकार विष्णुगुप्त जी के वॉल से साभार)


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