मीडिया के जरिए पार्टी को सुझाव देने से परहेज करे कांग्रेसी

नई दिल्ली : पी. चिदम्बरम, दिग्विजय सिंह और हंसराज भारद्वाज जैसे वरिष्ठ नेताओं के हाल के बयानों से असहज हुई कांग्रेस ने बुधवार को एक निर्देश जारी कर अपने नेताओं से मीडिया के जरिए पार्टी को सुझाव देने से ‘परहेज’ करने को कहा।

कांग्रेस महासचिव एवं मीडिया विभाग के प्रमुख अजय माकन ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘सभी नेताओं को सार्वजनिक रूप से पार्टी नेतृत्व को अपने सुझाव और राय देने से बचना चाहिए, पार्टी के अंदर विभिन्न मंच हैं जहां वे अपनी राय रख सकते हैं।’ माकन ने इस बात पर जोर दिया कि पार्टी नेतृत्व अपने नेताओं को विभिन्न मसलों पर राय रखने और पार्टी की बेहतरी के लिए सुझाव देने के लिए काफी अवसर देता है।

माकन ने कहा, ‘जब आलाकमान उनसे विचार विमर्श करे तो उन्हें अपनी राय सीधे नेतृत्व को देनी चाहिए। वे लोग वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी के व्यापक हित में, सार्वजनिक रूप से इस तरह की राय देने से बचना चाहिए क्योंकि पार्टी ने उन्हें ऐसा करने के लिए पर्याप्त मंच मुहैया करा रखा है।’ उन्होंने हालांकि कहा कि यह निर्देश सामान्य प्रकृति का है जो सभी नेताओं पर लागू होता है। लेकिन उन्होंने ऐसे किन्हीं नेताओं के नाम लेने से परहेज किया जिनकी टिप्पणियों ने संभवत: नेतृत्व को इस तरह का निर्देश जारी करने के लिए बाध्य किया।

इस बीच सूत्रों ने कहा कि पी चिदम्बरम, दिग्विजय सिंह और हंसराज भारद्वाज और साथ ही कार्ति चिदम्बरम जैसे नेताओं के विभिन्न मुद्दों, खासकर प्रियंका और राहुल से जुड़े बयानों को पार्टी नेतृत्व ने पसंद नहीं किया।

गांधी परिवार के प्रति वफादार समझे जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज ने कांग्रेस में प्रियंका के लिए नेतृत्व की भूमिका के लिए वकालत की थी। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को फिर से मजबूत स्थिति में लाने के लिए प्रियंका गांधी को सामने लाना चाहिए, इस पर भारद्वाज ने कहा, ‘मैं कांग्रेस नेतृत्व से आग्रह करता हूं कि उन्हें तुरंत आगे लाएं।’

कर्नाटक के राज्यपाल रह चुके भारद्वाज ने 2जी स्पेक्ट्रम मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को जिम्मेदार करार देने के लिए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर हमला बोला और आरोप लगाया कि इस घोटाले के लिए चिंदबरम ही ‘पूरी तरह जिम्मेदार’ हैं। इससे पहले, चिदंबरम ने कहा था कि यूपीए सरकार 2जी मामले से बेहतर तरीके से निपट सकती थी।

कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल से और ज्यादा मुखर होने का अनुरोध किया था। कांग्रेस ने कई बार अपने नेताओं के बयानों से अपने को अलग किया है।

(भाषा)

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