सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए

सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए
सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए

कुमार कृष्णन

सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए
सिर्फ सरकार की नौकरी नहीं कीजिए, बल्कि भगवान से भी डरिए

मुंगेर। मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने मुंगेर जिला परिषद के सभागार में शनिवार को प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को नसीहत दी कि सिर्फ सरकार की नौकरी कर औपचारिकता नहीं निभाए, बलिक जनता के मामलों का निष्पादन भी होना चाहिए। उहोंनें कहा कि भगवान से डरिए और र्इमान को कायम रखिए।

समीक्षा बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पीके. ठाकुर के साथ-साथ विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव , जिलों के प्रभारी सचिव, प्रमंडल स्तर के प्रमंडलीय आयुक्त, डीआर्इजी, प्रमंडल के सभी जिला पदाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक, सूचना एवं जनसंपर्क के मुंगेर प्रमंडल के उपनिदेशक कमलाकांत उपाध्याय एवं अन्य विभागों के तकनीकी व प्रशासनिक पदाधिकारीयों ने हिस्सा लिया। समीक्षा बैठक में राज्य के पर्यटन मंत्री सह मुंगेर जिला के प्रभारी मंत्री जावेद इकबाल अंसारी, नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी, विधायक अनंत सत्यार्थी, विधायिका नीता चौधरी, षैलेष कुमार ने भी हिस्सा लिया। समीखा बैठक के आरंभ में प्रमंडलीय आयुक्त सुनील कुमार सिंह के पावर प्रेजेंटेषन के जरिए मुख्यमंत्री को प्रमंडल की योजनाओं से वाकिफ कराया। प्रमंडलीय आयुक्त ने यह बताया कि प्रमंडल में विधि-व्यवस्था की सिथति सामान्य है और सांप्रदायिक सदभाव की सिथति सामान्य है। सरकार के आपरेषन ‘दखल देहानी और पोषाहार वितरण पर जिले में संतोषप्रद ढंग से काम किया जा रहा है। समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आर्इ कि बेगूसराय जिले में प्लस-टू विधालय में अध्यापन का काम नहीं हो रहा है। इसपर अधिकारियों द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया कि उत्क्रमित तो कर लिया गया, लेकिन षिक्षकों की प्रतिनियुकित नहीं की गर्इ है। इसका मतलब यह नहीं है कि पठन-पाठन का काम नहीं हो रहा है। इस स्पष्टीकरण के बाद मुख्यमंत्री ने बेगूसराय जिला पदाधिकारी को निर्देष दिया कि इस मामले की जांच कराएं। मुख्यमंत्री के समक्ष यह षिकायत आर्इ कि साइकिल वितरण में लाभार्थी छात्र-छात्राओं से पहले रसीद मांगी जाती है, फिर उसका भुगतान किया जाता है। इस क्रम में बहुत से लोग फर्जी ढंग से रसीद हासिल कर लेते और भुगतान ले लेते है। इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए राज्य के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि अब लाभार्थी को समय दिया जाएगा, राषि का भुगतान किया जाएगा और वे साइकिल खरीद कर पांच दिनों या सप्ताह दिनों के अंदर रसीद उपलब्ध कराएंगें। कोसी कालेज खगडि़या में पीजी पढ़ार्इ के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने आष्वासन दिया कि इस मामले पर गौर करेंगें। वहीं, यह भी बात सामने आर्इ कि संजय गांधी महिला कालेज, बरबीधा सभी संसाधनों से लैष है और इस क्षेत्र में कोर्इ मान्यता प्राप्त सरकारी महाविधालय नहीं है, इसलिए इसे सरकार मान्यता दें। इसपर भी मुख्यमंत्री ने गौर करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता का र्इजहार किया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-80 पर महादलित टोला बोचाही है, लेकिन राजमार्ग से लेकर गांव तक इस टोले के सड़क निर्माण की अनुषंसा न तो विधायक ने की, न सांसद ने की। जिला पदाधिकारी इस मामले को गंभीरता से लें और किसी योजना से इसका निर्माण सुनिषिचत कराएं। उन्होंनें राजमार्ग-80 से महेषपुर गांव तक के सड़क निर्माण की सिथति का जायजा लिया। जिला प्रषासन द्वारा बताया गया कि 300 मीटर जमीन धट रही है। अधिग्रहित होेते ही काम कर दिया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारियों को मुख्यमंत्री ने निर्देष दिया कि अनुदान पर मिलने वाले ट्रैक्टर, ट्राली का भौतिक सत्यापन कराएं। जमुर्इ जिले में चल रहे तालमी मरकज के बंद होने के बाबत समीक्षा के क्रम में यह बत सामने आर्इ कि इनमें तालमी मरकज को अक्षर आंचल योजना के अंर्तगत समायोजित कर लिया गया है। इसका मतलब यह नहीं कि तालमी मरकज बंद है। बेगूसराय जिले के मठियानी के सामो दियारा के कटाव पीडि़त परिवारों को पर्चा देने का भी निर्देष दिया। इस मामले में 820 विस्थापितों को पर्चा देकर सोनापुर में बसाया गया है। बेगूसराय के संदर्भ में ही यह षिकायत आर्इ कि बेगूसराय जिला अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं होने के कारण कठिनार्इ हो रही है। इसमें कार्रवार्इ करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देष दिया कि दलित उत्पीड़न के मामले में किसी तरह की कोताही बर्दास्त नहीं की जाएगी। उनके मामलों में अधिकारी संवेदनषीलता बरतें और त्वरित कार्रवार्इ करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को लोक संवेदना का भी पाठ पठाया। इस क्रम में प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा कि अधिकारियों को इसके लिए प्रषिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इसके बाद भी अभद्र व्यवहार की षिकायत आती है तो इस प्रषिक्षण का कोर्इ मायने नहीं। मुख्यमंत्री ने खगडि़या के नगर थाना प्रभारी के कार्य नहीं करने की षिकायत के मामले की जांच का आदेष खगडि़या के पुलिस अधीक्षक को दिया। उन्होंनें सफार्इ और स्वच्छता पर विषेष ध्यान देने को कहा और जिले के सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक षौचालय का निर्माण और उसके रख-रखाव को सुनिषिचत करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बरियारपुर-धोरधट ओवरबि्रज की सिथति की समीक्षा की

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