जयललिता के लिए आंसू बहाने वाले टीवी को नोटबंदी में मरे लोग नहीं दिखते

-प्रो.जगदीश्वर चतुर्वेदी-

jaylalita-news-24टीवी पर जयललिता का कवरेज देखो और उसके लिए रोने वालों की छवियाँ देखो। दूसरी ओर नोट बंदी से १०० साधारणजन मर गए लेकिन मृतक के परिवारीजनों की बाइटस तकरीबन अदृश्य हैं।

सामान्यजन की मौत इन टीवी वालों को बाइटस के लिए प्रेरित नहीं करती, तकरीबन छह हजार से ज्यादा किसानों ने एक साल में आत्महत्या की लेकिन टीवी पर रोने के दृश्य नजर नहीं आए, नोट नीति के कारण हजारों शादियाँ पैसे के अभाव में उदासी में बदल गयीं लेकिन उदास चेहरों के टीवी बाइटस का अकाल पड़ गया।

बडे आदमी की शादी और बडे आदमी की तकलीफ़ का ऐसा वीभत्स मीडियम देखना हो तो भारतीय टीवी में देखो।बडे लोगों से प्यार का टीवी मीडियम है। @fb

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.