कैराना मामले में इंडियन एक्सप्रेस की स्टोरी विश्वसनीय

कैराना पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
कैराना पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट

कैराना पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
कैराना पर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट
कैराना मामले में इंडियन एक्सप्रेस की स्टोरी विश्वसनीय लगती है और सत्य की तह तक जाने की कोशिश करती है. कम से कम जी न्यूज, NDTV या BBC से ज्यादा विश्वसनीय जरूर है.सांसद हुकुम सिंह की सूची में शामिल कई लोग या तो मर चुके हैं या बहुत पहले वहां से निकल चुके हैं. लेकिन कई लोग मुसलमान गुंडों की गुंडागर्दी के भी शिकार हैं और कइयों ने हाल ही में(एक से चार साल पहले) कैराना छोड़ा है. कई लोगों ने अपनी जमीन किसी मुस्लिम नेता को ‘बेच’ दी और उस मुस्लिम नेता का बयान भी छापा गया है.

हमने बिहार में जमीन कब्जा करने की ढ़ेरों ऐसी तरकीबें अनुभव की हैं. इस तरह की स्टोरी में जब नौकरी या बेहतर मौकों के लिए शहर छोड़ने की बात पर जोर दिया जाता है तो लगता है कि कोई बिहार से माइग्रेट हो रहे किसी बीए पास या रिक्शा वाले की कहानी कह रहा है. दरअसल, वो एक भटकाने की चाल होती है. उस तरह का माइग्रेशन एक सतत प्रक्रिया है और किसी को धमका कर माइग्रेट करने के लिए मजबूर करना अलग बात होती है.

अखबार ने सांसद हुकुम सिंह का पक्ष भी रखा है कि उनकी सूची में कुछ गड़बड़ी है और वे एक नयी सूची के साथ सामने आएंगे. खैर जो भी हो, सांसद ने राजनीतिक फायदे की बात तो सोची ही है, लेकिन ये बात बिल्कुल निराधार नहीं है कि वहां हिंदुओं को धमकाया नहीं जा रहा. यूपी सरकार और केंद्र सरकार दोनों को समय रहते चेत जाना चाहिए और मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए. ‪#‎Kairana‬

@FB सुशांत झा

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