हेडलाइन्स टुडे में ‘मटरू की बिजली का मंडोला’ की आत्मा

headlinesनिर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘मटरू की बिजली का मंडोला’ हाल – फिलहाल आयी. फिल्म को मिली – जुली प्रतिक्रिया मिली. अपने – अपने नजरिये से लोगों ने फिल्म को देखा और सराहा. मसलन वामपंथ विचारधारा वाले इसमें वामपंथी विचारधारा की धार खोजते नज़र आये तो पक्के शराबियों ने मंडोला से शराब पीने के लिए कुछ भी कर गुजरने की प्रेरणा ढूँढ ली. लेकिन इन सब के बीच हेडलाइन्स टुडे ने अपने लिए विज्ञापन का आइडिया जुगाड़ लिया.

फिल्म मटरू की बिजली का मंडोला में मंडोला यानी पंकज कपूर जब भी शराब छोड़ने की कोशिश करते हैं तो उन्हें गुलाबी रंग की भैस सामने दिखाई पड़ती है. उनकी कल्पना में वह भैंस उन्हें दिखती भी है और उनपर हँसती भी है. लेकिन शराब के दो घूँट अंदर गटकते ही गुलाबी भैंस लुप्त हो जाती थी और हैरी मंडोला की जगह पर हरिया फूल फॉर्म में सामने………

हेड लाइन्स टुडे का ताजा विज्ञापन भी इससे थोड़ा प्रभावित लगता है. Right to Be Heard नाम से जारी इस विज्ञापन में एक बुजुर्ग महिला कार में बैठे नेताजी से किसी बात के लिए शिकायत करती है और उन्हें उनका वायदा याद कराती है तो नेताजी ड्राइवर को कार आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं.

लेकिन हेडलाइन्स के Right to Be Heard की बदौलत नेताजी जहाँ जाते हैं वहीं उन्हें उसी बुजुर्ग महिला का स्वर सुनाई पड़ता है और नेताजी माथा पकड़कर बैठ जाते हैं. और हम जैसे दर्शक ये सोंचने लगते हैं कि हेडलाइन्स टुडे में कहीं मटरू की बिजली का मंडोला की आत्मा तो नहीं घुस गयी है. ख़ैर जो भी है , जबरदस्त है, मटरू की बिजली का मंडोला की तरह.

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