सुदर्शन चैनल पर लगे आरोप में साजिश की गंध – रमेश ठाकुर

-रमेश ठाकुर-

suresh-chavanke-sudarshan-newsसुदर्शन न्यूज़ चैनल के एडिटर-इन-चीफ और मालिक सुरेश चव्हाणके पर हाल में चैनल की ही एक पूर्व कर्मी महिला ने बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के गंभीर आरोप लगाया था. इस बाबत सोशल मीडिया पर उक्त महिला ने लिखा और फिर बाद में थाने में भी एफआईआर दर्ज करवायी.मीडिया खबर पर इस बाबत खबर भी पोस्ट की गयी थी. इसी संदर्भ में पत्रकार ‘रमेश ठाकुर’ ने हमें एक मेल किया है जिसमें महिला के आरोपों को उन्होंने साजिश करार दिया है. उनके पक्ष को हम यहाँ प्रकाशित कर रहे हैं. लेकिन इस राय को मीडिया खबर की राय न समझी जाए. ये लेखक की अपनी निजी राय है. बहरहाल मामला कोर्ट-कचहरी में पहुँच ही गया है और वक्त आने पर स्थिति स्पष्ट हो ही जायेगी(मॉडरेटर)




जमाना भेड़चाल का है किसी पर आरोप लगते ही हम जज बन जाते हैं। उसे अपने नजरों में दोषी ठहरा लेते हैं। लकिन आरोप लगानेवाले शख्स की कार्यशैली पर नजर नहीं दौड़ाते। सुदर्शन चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके पर एक महिलाकर्मी ने वही आरोप गढ़े हैंजो अमूमन सभी महिलाएं दूसरे मर्दों पर लगाती हैं। आरोप लगाने वाली महिला की एक और खूबी व विशेषता है जिसे शायद लोगनहीं जानते। मैं बताता हूं। मेरे और सुरेश चव्हाणके सर के बीच संबंध बहुत मधुर रहे हैं लेकिन इसी महिला के कारण ही हममेंबातचीत पिछले चार सालो से नहीं हुई। आरोप लगाने के अलावा संबंधों में आग लगानी भी बखूबी इस महिला को आती है।

चार साल पहले की घटना है। सुरेश सर ने मुझे फोन करके दिल्ली के पांच सितारा होटल संगरीला में किसी मसले पर बातचीत केलिए बुलाया था।उस समय में दैनिक जागरण में काम रहा था। मैं उनसे मिलने अपने दोस्त हिंमाशु तिवारी जो इस समय ईटीवीदिल्ली में कार्यरत हैं, के साथ गया। होटल रूम में जैसे ही हमने प्रवेश किया तो यही महिला गेट पर खड़ी थी। महिला ने मेरा परिचयपूछा मैंने बताया। इधर-उधर की बातें करने लगी। आप कबसे जानते हो सुरेश जी को चैनल खोलने के पहले क्या करते थे। बगैरा-बगैरा।



तभी अचानक अंदर से सर ने आवाज दी कि रमेश ठाकुर आए हैं उन्हें अंदर भेज दो। मैं हिंमाशु के साथ अंदर जाता हूं। सर के साथकाफी देर तक बात होती रही। बातचीत के थोड़ी देर के बाद यह महिला अंदर आ जाती है। और सुरेश सर से कहती हैं कि सर ये दोनोंबाहर आपको गाली दे रहे थे। एकाएक लगा कि शायद ये महिला हमसे मजाक कर रही है। लेकिन जिस तेवर से वह बोलती जा रहीथी उससे प्रतीत हो गया था कि हमारी बुराई करके ये सुरेश जी के नजरों में अपने नंबर बनाना चाह रही है। क्योंकि उस समय इन्हेंनई-नई नौकरी पर रखा था।

ramesh-thakur-journalist
रमेश ठाकुर, पत्रकार

उस समय सुरेश सर को भी लगा कि शायद यह महिला सही कह रही हैं। फिर हम वहां से चलने लगे। लेकिन चलते वक्त मैंने एकबात सर से कही थी उस दिन कि अगर ज्यादा दिन यह महिला आपके पास रही तो एक दिन आपके लिए मुसिबत का कारण बनेगी।मेरी वह बात आज सच साबित हुई। सुदर्शन चैनल में अल्प समय के लिए न्यूज

एडीटर के तौर पर काम भी कर चुका हूं। मैंने भी वहां का माहौल देखा है। मुझे तो ऐसा कभी कुछ नहीं दिखाई दिया। यहां मैं सही-

गलत की वकालत नहीं कर रहा हूं। पर, हां जोसच्चाई है वह जल्द बाहर आएगी। सवाल उठता है कि जो महिला सालों से काम कर रही हो? उसे अचानक ये आरोप क्यों लगाने पड़े। ये आरोप पहले क्यों नहीं लगाए।अचानक क्यों? इससे तो साफ जाहिर होता है कि सर आपकी मांग पूरा नहीं कर सके होंगे तभी ये सब किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.