सहारा इंडिया रियल एस्टेट के विरुद्ध कंपनी रजिस्ट्रार जांच शुरू

कंपनी रजिस्ट्रार, कानपुर द्वारा सहारा इंडिया रियल एस्टेट कोर्पोरेशन लिमिटेड के खिलाफ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर, सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर तथा एक भुक्तभोगी आशीष वर्मा की तरफ से दायर शिकायत में जांच शुरू कर दी गयी है. अमिताभ और नूतन को यह ज्ञात हुआ था कि सहारा इंडिया एक कथित उपभोक्ता सामग्री नेटवर्क सहारा क्यू के नाम पर सेबी के नियंत्रण से बच कर पैसे एकत्र कर रहा है. अतः इन दोनों ने एक-एक हज़ार रुपये के दो बांड ख़रीदे. बांड खरीदते समय उन्हें यह बताया गया कि यह एक निवेश योजना है जिसमे छह साल बाद 1000 रुपये पर 2335 रुपये दिये जायेंगे. इस तरह जहाँ बाह्य तौर पर सहारा क्यू अपने आप को उपभोक्ता सामग्री नेटवर्क बताता है, यह वास्तव में एक निवेश योजना के रूप में संचालित किया जा रहा है. तीसरे शिकायतकर्ता, एक बेरोजगार युवा आशीष के अनुसार उसके रुपये 58,000 के चार एडोबे बांड अर्थात रुपये 2, 32,000 उसे वापस नहीं दिये जा रहे हैं और उन्हें एकपक्षीय रूप से सहारा क्यू शॉप में परिवर्तित किये जाने की बात कही गयी है.


इन शिकायतों के आधार पर कंपनी रजिस्ट्रार, कानपुर ने सहारा रियल एस्टेट को इन सभी आरोपों पर साक्ष्य सहित प्रस्तरवार स्पष्टीकरण देने को कहा है. उन्होंने इसके अलावा पांच प्रश्न भी पूछे हैं- क्या सहारा रियल एस्टेट बांड को सहारा क्यू शॉप में परिवर्तित करने हेतु धारा 297 कंपनी अधिनियम में कोई अनुमति ली गयी है, सहारा रियल एस्टेट के बांड में पैसा लौटने की जगह सहारा क्यू शॉप से सामान ख़रीदे जाने सम्बंधित शर्तें, क्या सहारा रियल एस्टेट के प्रोस्पेक्टस में सहारा क्यू शॉप के सामन खरीदने की बात कही गयी है, क्या सुप्रीम कोर्ट आदेश में पैसा लौटने की जगह बांड परिवर्तन की व्यवस्था है और अब तक कैश/बैंक के माध्यम से वापस किये गए तथा शेयरों के माध्यम से परिवर्तित किये गए धन का प्रतिशत, उनके पूर्ण विवरण के साथ.

कंपनी रजिस्ट्रार ने कहा है कि यदि दस दिनों के अंदर उत्तर नहीं मिलता तो कंपनी तथा उसके निदेशकों के खिलाफ कंपनी अधिनियम में दंडात्मक कार्यवाही की जायेगी.

(डॉ नूतन ठाकुर )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.