छात्र पिटाई के मामले में दैनिक -सन्मार्ग की निष्पक्ष पत्रकारिता बाकी सब बिके

निजी स्कूल के निदेशक ने बेरहमी  से की छात्र कि   पिटाई ,कान की झिली फटी

नालंदा से स्वतत्र पत्रकार संजय कुमार की रिपोर्ट

बिहारशरीफ. नालंदा जिले के निजी स्कूल संचालको दुआरा खुद सरकारी प्रबधानो  का खुल्लम -खुल्ला उल्लधन किया जा रहा है,वही दूसरी ओर मामूली गलती करने पर स्कूल संचालको दोउरा छात्रों को वेरहमी से पिटाई की जाती है.    बताया जाता है कि सुदूरवर्ती वेन प्रखंड के बडी आट में एक  शिक्षक की पिटाई से छात्र को अँधा बनाने का मामला अभी ठंडा नही हुआ था कि पुनः एक बार फिर नया मामला प्रकाश में आया है.  

बिहार शरीफ शहर के दीपनगर थाना क्षेत्र के पहडपुरा स्थित्त  कैमबिरीज़   विधालय के निदेशक ने   बुधबार को मामूली गलती किये जाने पर छात्र को बेरहमी से पिटाई की .जिससे आंख और कान बुरी तरह जखमी हो गया.चोटिल छात्र मो० कमल और प्रणय कुमार का इलाज शहर के एक निजी किल्निक में कराया जा रहा है.जख्मी छात्र के पिता बनौलिया निवासी  मो० मुस्तफा हसन और दूसरे जख्मीके चाचा कुणाल गौतम ने इस संबाददाता को बताया कि स्कूल बस कि सीट को कोइ  छात्र ने फाड़ दिया था.इसी बात को लेकर स्कूल के निदेशक अरविद कुमार ने अपने कक्ष में बुलबाकर छात्र को बेरहमी से पिटाई करनी शुरू कर दी.जिससे दो छात्र को आंख तथा कान   में गम्भीर चोटे आई है.डाक्टर का कहना है की कान की झिली फट गई है. अभिभावक ,निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बात कह रहे है.

बताया जाता है कि धटना कि सूचना मिलते ही पब्लिक स्कूल एशोव्शियन से जुड़ा   कई स्कूल के संचालक मामला को दवाने के लिए सक्रिय हो गए. .धन ऍब अपनी पहुच का भरपूर फायदा उठा ,दवाब  ड़ाल मामला को शांत करने में जुटे है.      छात्र की पिटाई के मामले को दवाने हेतु एसोसिऐशन  के लॊग अपनी वदलामी से बचने के लिए ,अखबार में समाचार नहीं छपे  इसके लिए  पैसा तथा विज्ञापन  का लालच दे,खवरे को दवा लिया ,परन्तु दैनिक -सन्मार्ग इस झासा में नही आया तथा निपक्ष पत्रकारिता के मयार्दा का पालन करते हुए उक्त अखवार ने खबर को प्रमुखता  से छापा.          बताया जाता है कि कुछ माह पूर्ब इसी विधालय के एक छात्र कि बेरहमी से पिटाई कि गयी थी .गम्भीर चोट के कारण वह कई दिनों तक स्कूल नहीं जा सका था.       बिहार शरीफ शहर के बीचो-बीच है -कैरियर पब्लिक स्कूल ..यहाँ के प्राचार्य   कभी स्कूल फीस समय पर नहीं देने ,तो कभी ड्रेस साफ नहीं फहन  कर आने पर पिटाई की जाती है. कई बार गुस्सा कर उलटे प्राचार्य की ही पिटाई कर बैठते है.  बताया जाता है की कुछ साल पूर्ब र्खोले गये स्कूल के संचालक आज करोड़पति बन गए है. खुलेआम सी० बी ० एस ० ई० तथा बी ० एस ० ई ० बी ०से मान्यता  होने का बैनर लगा लेते है. बताया जाता है की शहर में नामात्र ही  सी० बी ० एस ० ई०से मान्यता प्राप्त स्कूल है.  स्कूल संचालक बिना मान्यता    के ही स्कूल चला खुले-आम जिला प्रशासन व् आम जनता की आखो में धुल झोक ,छात्र से मोटी फीस बसूल रहे है .जिला प्रशासन कोई करवाई नहीं कर रही है,
नालंदा से स्वतत्र पत्रकार संजय कुमार की रिपोर्ट

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