अर्नब गोस्वामी नहीं, भक्त अर्नब कहिये

नदीम एस अख्तर
नदीम एस अख्तर

अरनब गोस्वामी को “पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण” उसी दिन मिल गया था, जिस दिन उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का Soft Interview लिया था. भारत सरकार की ओर से अरनब को मिली Y कैटिगरी की सुरक्षा उसकी पहली कड़ी भर है.

Soft Journalism का ये कमाल आगे कइयों के सिर चढ़कर बोलने वाला है. Soft रहके ही स्वादिष्ट SOFTY खाई जा सकती है. बस Softy पिघलने से पहले उसे गटकने का हुनर आना चाहिए.

Soft Journalism तेजी से फैलती बीमारी है. पत्रकारों के अलावा सोशल मीडिया पर citizen journalists भी द्रुत गति से इसकी चपेट में आ रहे हैं.

modi arnabअरनब गोस्वामी रिटार्यड पाकिस्तानी फौजियों-विशेषज्ञों को अपने शो में बुलाकर खूब लताड़ते हैं, दूसरों से गरियावाते हैं और बदले में उन पाकिस्तानियों को अपने शो में शामिल होने की मोटी फीस देेते हैं. वरना अरनब की गाली सुनने कौन पाकिस्तानी उनके शो में शामिल होगा?

फिर वही अरनब को कोई धमकी दे देता है. पाकिस्तान वाला ही कोई होगा. और अरनब को Y कैटिगरी की सुरक्षा मिल जाती है. लेकिन भारत सरकार को कोई नुमाइंदा और अरनब को सुरक्षा देने वालों में से कोई ये बताएगा कि अरनब की जिन बातों को सुनकर पाकिस्तान वालों की तरफ से उन्हें धमकी मिली है, वही आतंकी पाकिस्तान में ही रह रहे उन रिटार्यड फौजियों-विशेषज्ञों को क्यों नहीं धमकाते कि खबरदार जो अरनब के शो में शामिल हुए तो!! अरनब के शो के गेस्ट तो वहीं रह रहे हैं, उन्हें धमकाना आसाना है. अरनब तो इंडिया में है, उन्हें धमकाना मुश्किल है.

आपका लड़का अगर गलत रास्ते पर चल पड़ेगा तो आप पहले उसे डांटेंगे-समझाएंगे या फिर मुहल्ले के उस दादा के धमकाएंगे कि खबरदार ! जो मेरे बेटे के साथ दुबारा दिखे तो !! पहले आप अपने बच्चे को ही समझाएंगे ना. फिर सीमा पार से धमकी देने वाले पहले अपने पाकिस्तानी भाइयों को ही समझाएंगे-धमकाएंगे ना कि भारत के किसी भी टीवी शो में पार्टिसिपेट ना करो. या फिर दंबूक लेकर भारत के टीवी एंकरों को ही धमकाना शुरु कर देंगे ??!! सोचने वाली बात है.

फिर भी अरनब डर गए. सरकार भी डर गई. झटपट अरनब को बड़ी वाली सुरक्षा दे दी गई. उनका शो जारी रहेगा. फुंक चुके पाकिस्तानी विशेषज्ञ उनकी शो की शान बढ़ाते रहेंगे, टाइम्स नाऊ उनकी खाली जेबें गर्म करता रहेगा और शो चलता रहेगा.

सब फिक्स है. अरनब को अगर इतना ही खतरा है तो उनका संस्थान और वे खुद प्राइवेट सिक्युरिटी गार्ड क्यों नहीं रख लेते??!1 गजब पतन हुआ है ई अरनब का. सारा किया-धरा मट्टी में मिलाई दिया रे. अब से उसे अरनब गोस्वामी नहीं, भक्त अरनब कह के बुलाया जाएगा.

(पत्रकार नदीम एस अख्तर के फेसबुक वॉल से)

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