विज्ञापन की दुनिया में बदलती स्त्री छवि

विज्ञापन जगत में बदलती स्त्री छवि
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Buy Women in advertising

रेमण्डस के लिए कम्प्लीट मैन का कॉन्सेप्ट थोड़ा बदल गया है. अब कम्प्लीट मैन का मतलब वो नहीं है जो इसके कपड़े पहनकर ऑफिस या कॉन्फ्रेंस जाता है बल्कि इनके कपड़े पहनकर घर में बच्चों की देखभाल भी करता है और लाइफ पार्टनर बाहर जाकर अपने काम निबटा आती है.

विज्ञापन जगत में बदलती स्त्री छवि
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एयरटेल की स्त्री पहले बॉस है और तब हाउसवाइफ और वो भी जो घर का काम करती है, इमोशन के कारण, न कि उस दवाब में जो कि सालों से पितृसतात्मक समाज में रहकर स्त्रियां करती आईं है.

विज्ञापन की इस बदलती दुनिया के बारे में जोया फैक्टर की लेखक अनुजा चौहान का कहना है कि विज्ञापन की दुनिया शुरु से ही आतंकित रही है, समाज की उस उल्टी दिशा में जानेवाली रही है जिसे हम और हमारे दूसरे माध्यम बहुत पीछे छोड़ आए हैं..ऐसे में हमें( विज्ञापन) मूलभूत बदलाव करने की बेहद जरूरत है.

विज्ञापन में पिछले कुछ महीने सें जो स्त्री की दुनिया बदली है, सुनयना कुमार ने ओपन मैगजीन के ताजा अंक में बेहद ही दिलचस्प लेख लिखा है. हालांकि इससे पहले फरवरी के अंक में भी इस पत्रिका ने वूमन इन एड्स शीर्षक से दिलचस्प लेख प्रकाशित किया था..लेकिन मौजूदा दौर में विज्ञापन में स्त्री को समझने के लिए ये उससे कहीं ज्यादा विश्लेषणपरक हैं..http://www.openthemagazine.com/ar…/living/second-sex-hang-on

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