ऑपरेशन दंगा के बहाने आजतक के दीपक शर्मा एंड कंपनी नरेंद्र मोदी के पक्ष में माहौल बनाने में लगे हैं

नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर आजतक का तोहफा – ऑपरेशन दंगा
मोहम्मद अनस

aajtak-deepak-sharma-stingख़ुफ़िया कैमरे लगा कर आप अपनी बात दूसरों के मुंह में डाल दें फिर कहें की सबसे बड़ा खुलासा कर दिया ।सवाल करें कि दंगों में आज़म खान शामिल थे ? पुलिस वाला तो कहेगा ही की जी साब वे शामिल थे ,उनका प्रेशर था ,पर स्टिंग और खुलासा इसे नहीं कहते ।खुलासा तब होता जब आप आज़म खान के काल रिकार्ड ,उनकी आवाज़ या उनसे बातचीत के नमूने पेश किए जाते । किसे बेवकूफ बना रहे हो और दंगों का रुख किधर मोड़ रहे हो । तुम्हारी ख़ुफ़िया टीम में शामिल पत्रकारों का झुकाव एवं दलाली का पुराना इतिहास नरेंद्र मोदी और भाजपा से जुड़ा है ।

दीपक शर्मा नरेंद्र मोदी के पक्ष में माहौल बनाते रहे हैं ,वही दीपक शर्मा मुजफ्फरनगर दंगों में अखिलेश यादव और मनमोहन-सोनिया के दौरे को चुनावी स्टंट बताते है लेकिन वही दीपक शर्मा जिनके पास पूरे 50 मिनट थे , एक बार भी भाजपा के उन चार विधायकों के वीडियो फुटेज का कहीं जिक्र नहीं करते जिसकी वजह से पचास हजार की भीड़ जमा होती है और मुजफ्फरनगर जल उठता है।

दीपक शर्मा एण्ड कम्पनी ने कवाल गाँव में घटी घटना का सच नहीं बताया । मुजफ्फरनगर दंगे की असली वजह वह वीडियो क्लिप थी जिसे भाजपाई विधायक ने पूरे शहर में बंटवाया और एक मामूली सी हत्या की घटना को दो समुदायों के बीच दंगे का रूप दे दिया ।

पुलिस वालों से आफ द रिकार्ड हुई बातचीत को आन द रिकार्ड दिखा कर दीपक शर्मा और उनकी पूरी आज तक की टीम ने न सिर्फ पत्रकारों के प्रति पुलिस प्रशासन में गहरा अविश्वास पैदा किया है बल्कि उन बड़बोले पुलिस वालों की नौकरियां भी खतरे में डाली है ।

और संघियों को लगता है की इस तथाकथित खुलासे में आज़म खान बुरी तरह फंस रहे हैं। वे सब एक बार फिर से देखें ,साफ़ तौर पर दिखाई और सुनाई दे रहा है की आज तक के रिपोर्टर के यह पूछने पर की ‘क्या आज़म खान …तो पुलिस वाला कहता है हाँ जी … ऐसे तो अगर वही रिपोर्टर यह पूछता ‘क्या नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह’ …तो पुलिस वाला कहता हाँ जी ।

आखिर क्यों नहीं दीपक शर्मा एवं आज तक ने भाजपा के उन विधायकों ,किसान यूनियन के लोगों के बारे में एक भी सवाल नहीं पूछा ? क्यों सब कुछ घुमा फिरा कर समाजवादी पार्टी और केंद्र को निशाने पर रखा ? उसका जवाब बहुत साफ़ है ,आज तक ने पूरी ताकत लगा दी है नरेंद्र मोदी को स्थापित करने के लिए ,दंगों से पीड़ित एवं मानवीय संवेदना वाला हर इंसान इस तरह की मनगढ़ंत खबर देख कर राज्य और केंद्र में शासन कर रही दोनों पार्टियों से घृणा करेंगा और इसका लाभ भाजपा के खाते में जाएगा ।

ये माना जा सकता है की सियासी दबाव रहा है दंगा भड़काने और न रोक पाने में लेकिन भड़काया भाजपा के दंगाई विधायकों ने ही था। दंगाईयों को व़क्त रहते न रोक पाने की वजह से हम समाजवादी सरकार की जितनी चाहे आलोचना कर सकते हैं । (मोहम्मद अनस )

(स्रोत – एफबी)

3 COMMENTS

  1. अपराधी को पकड़ना हैं या दंगे को पुनः भड़काना हैं !
    लेखक धर्म के आधार पर यंहा राजनीती कर रहे हैं , और आजम खान को निर्दोष बताने पर आमादा है, भाई साहब आजम खान कैसे व्यक्ति हैं दुनिया जानती हैं इसलिए अमरीका में नंगा करके तलाशी ली ! सूना मैं पता नहीं , कृपया करके धर्मो के आधार पर राजीनीति बंद करे और अगर दंगो का सच जानना हो तो इसी वेबसाइट पर विष्णु गुप्त द्वारा लिखा गया लेख पढ़ लेना सब समझ में आ जाएगा

  2. mohammad asal ne dikha diya ki azam khan ka dalal hai. wah bhi aazam khan ke ishare par is sting ko farzi bataa raha hai 2 bhaiyo ki hatya ko mamuli hatya batakar apni aakao ko khus karane me lagaa hua hai..

  3. कवाल गाव में 27 अगस्त को सचिन अपनी बहनों के साथ स्कूल से आ रहा था क्योंकि कवाल गाव का शहनवाज़ कुरैशी नाम का लड़का उनको छेड़ता था उसको पहले भी एक बार समझाया था पर वो नहीं माना, हद तो तब हो गयी जब उस दिन उसने सचिन के सामने ही उसकी बहन को गलत शब्दों का इस्तेमाल किया इस बात पर सचिन और शहनवाज की तीखी बहस हुई और सचिन ये कहकर वहा से चला गया की तुझको अभी बताउगा और वह अपनी मुमेरे भाई गौरव को साथ ले कर आ गया शाहनवाज़ को पहले ही पता था की वह जरुर वापस आएगा इसलिय उसने पहले ही 10-12 लड़के इकठे कर लिय 15-20 मिनट मैं सचिन और गौरव कवाल पहुच गये , उसके बाद गौरव और शहनवाज़ मैं बहस हुई गौरव बोला की तू ऐसा क्यों करता है शहनवाज़ बोला अभी तो छेड़ा ही है अभी आगे तो मै तेरी ही नही जाटो की हर लडकियों को चो…गा भी |

    इस पर शहनवाज और गौरव में हाथापाई हो गई इस दोरान शहनवाज़ ने कट्टे से फायर कर दिया जो की बैक फायर से शहनवाज को उल्टा लग गया इस पर गौरव और सचिन पूरी तरह डर गये और भागने की कोसिस की गई परन्तु भाग न सके शहनवाज़ के भाई व साथियों ने उनको घेर लिया और उनको डंडो से पिटे जाने लगा वो कभी इधर भागते कभी उधर कभी नाली मैं गिरते कभी सड़क पर दस बारह जनो के सामने वो बेबस हो गये फिर शहनवाज के भाई व साथियों ने उनको बहुत मारा इतना की वो अधमरे हो गये उसके बाद शाहनवाज ने भाई ने उनके सिने पर चड़कर उनकी सांसो की डोर काटी और सर पर चक्की के बाट से प्रहार करते रहे जब तक की वो पूरी तरह से मर नहीं गये, ये खबर आग की तरह पुरे मुजफ्फरनगर नगर मैं फ़ैल गई जिसके बाद जानसठ के SHO और SDM ने कवाल गाव को चारो तरफ से नाकाबंदी करवा दी जिसमे शहनवाज़ के दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार किये गये 12 लोग थे और कवाल गॉव के एक एक घर की तलासी ली गई ये खबर समाजवादी पार्टी के नेताओ को पता लगी तथा वहां के सांसद कदीर राणा को भी पता लगी जिसमे बसपा सांसद कदीर राणा व् समाजवादी पार्टी अन्य मुस्लिम नेताओ ने DM पर दबाब बनाया की वह उनके खिलाफ कोई कार्यवाही न करे, उनसे कहा गया की वो अपनी FIR मे ये दिखा दे की गौरव और सचिन को भीड़ ने मारा है तथा शहनवाज़ को गौरव , सचिन व् अन्य उनके परिजनों ने मारा है जिसमे की गौरव व् सचिन को भीड़ ने मार दिया वाकी फरार हो गये , जिसके लिय डीएम और SHO ने माना कर दिया जिस कारन उनका 2 घंटे के अन्दर आज़म खान ने ट्रांसफर कर दिया , नये DM ने आकर रात को उनको छुड़वा दिया

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