सर्च इंजन याहू और गूगल ने कैसे बदल दी इंटरनेट की दुनिया और कमाए अरबों डॉलर

google yahooइंटरनेट-गूगल-याहू-फेसबुक का इस्तेमाल तो हम ऐसे करते हैं, जैसे इसमें कोई बात ही नहीं. सबकुछ शुरु से ऐसा ही था. लेकिन क्या आपको मालूम है कि इंटरनेट पर सर्च इंजन यानी याहू और गूगल जब नहीं थे, तब इंटरनेट कैसा था?? फिर कैसे आए याहू और फिर गूगल. इनके संस्थापकों ने क्या-क्या चुनौतियां झेलीं. और कैसे दुनिया के बहतरीन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों ने याहू को जन्म दिया और फिर इसी यूनिवर्सिटी की बाद की जेनरेशन ने गूगल बनाया जिसने इंटरनेट पर सर्च का तरीका हमेशा के लिए बदल दिया. कौन से विचार आए उनके पास और कैसे किया उन्होंने ये सब?? और गूगल ने कैसे दुनिया को बताया कि इंटरनेट से भी अरबों डॉलर कमाए जा सकते हैं. क्या तरीका है इसका??

अगर आपको इन सवालों के जवाब चाहिए तो नीचे डिस्कवरी चैनल का जो लिंक मैं दे रहा हूं, उसे जरूर देखिए. हिन्दी में ढूंढ कर दिया है. मेरा मानना है कि आज इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हर व्यक्ति को यह प्रोग्राम देखना चाहिए और समझना चाहिए कि दुनिया ऐसी नहीं थी और अगर एक-दो-चार लोगों ने इसे बदली, तो कैसी बदली. साथ ही पत्रकारिता के छात्रों को भी ये पूरी कहानी जरूर देखनी चाहिए और ऑन लाइन मीडिया में एक्टिव पत्रकारों को भी. देखिए और समझिए कि इंटरनेट कैसे बदला और आगे ये कैसा होगा, बस अंदाजा लगाइए. वीडियो देखें :

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