जातीय जहर घोल रहा है एबीपी माझा

सुजीत ठमके




abp-majhaमहाराष्ट्र में मराठा समुदाय मराठा क्रांति मोर्चा के बैनर तले रास्तो पर उतर आया है। चिंगारी भड़कने की वजह है कोपरडी में घटी घटना। पश्चिम महाराष्ट्र से सटा नगर जिले के कोपरडी गाँव में एक सवर्ण जाति के नाबालिक लड़की से कुछ बदमाशो ने सामूहिक बलात्कार कर जघन्य ह्त्या कर दी जिसका सभी राजनीतिक दलों के नेताओ व संगठनों ने निंदा की। सभी ने दोषियों को जल्द से जल्द फॉसी की सजा देने की मांग की।

बावजूद पीड़िता को न्याय देने की आड़ में कुछ मराठा नेता खुलकर गन्दी राजनीति करने में लगे है। हर जिले में लाखो की तादाद में मराठा समुदाय मोर्चे निकाल रहा है लेकिन मोर्चा में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग पीछे छूट रही है। इस आड़ में ओबीसी कोटे में आरक्षण, अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार प्रतिबंध कानून ख़त्म करने की मांग कर रहे है। यह दोनों भी मसले बेहद संवेदनशील और भावनात्मक है। राज्य के युवा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इन सारे मसलो को सुचारू ढंग से निपटा रहे। ताकि दलित / मराठा / ओबीसी समुदाय के बीच भाईचारा, सौदर्य बना रहे।

ओबीसी कोटे से आरक्षण, अनुसूचित जाति / जनजाति अत्याचार प्रतिबन्ध कानून ख़त्म करना यह दोनों भी संवेदनशील विषय है जिसके कारणवश महाराष्ट्र जातीय दंगो की चपेट में झुलस सकता है। इस मसले पर लगभग सभी राष्ट्रीय न्यूज़ चैनलों ने ख़बरों में संतुलन दिखाया है। लेकिन एबीपी न्यूज़ नेटवर्क का क्षेत्रीय मराठी चैनल एबीपी माझा उकसाने वाले कार्यक्रमो को बढ़ावा दे रहा है। संतुलित कार्यक्रम और रिपोर्टिंग करने की बजाय एकतरफा माहौल तैयार कर रहा है। एबीपी नेटवर्क देश का जिम्मेदार चैनल है। ऐसे मे एबीपी माझा के कई कार्यक्रम के जरिये मराठा बनाम ओबीसी, दलित आदिवासी के बीच तल्खी भड़क सकती है। एबीपी माझा को ऐसे कार्यक्रमों से परहेज कर शांति और भाईचारे बढ़ाने वाली ख़बरों को दिखाना चाहिए. एक बात और टीआरपी सिर्फ नकरात्मक ख़बरों से ही नहीं अच्छी ख़बरों से भी हासिल की जा सकती है. उम्मीद है संपादक जी गौर फरमाएंगे.




LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.